वैज्ञानिक(कृषि प्रसार) राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने धनघटा तहसील क्षेत्र में कृषक भाईयों को मूंगफली की खेती में पैदावार बढाने एवं खरपतवार नियत्रंण - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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वैज्ञानिक(कृषि प्रसार) राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने धनघटा तहसील क्षेत्र में कृषक भाईयों को मूंगफली की खेती में पैदावार बढाने एवं खरपतवार नियत्रंण

 


संत कबीर नगर कृषि विज्ञान केन्द्र बगही संत कबीर नगर  के वैज्ञानिक(कृषि प्रसार) राघवेन्द्र विक्रम सिंह ने धनघटा तहसील क्षेत्र में कृषक भाईयों को मूंगफली की खेती में पैदावार बढाने एवं खरपतवार नियत्रंण सम्बंधी जानकारी देते हुए बताया कि मूगंफली की खेती में खरपतवार का नियंत्रण ना किया जाए तो इससे पैदावार 35 से 40 प्रतिशत प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि खेत में खरपतवार  नियंत्रण दो तरह से किया जा सकता है, पहला कि खेत की निराई गुड़ाई कर के फसल में खरपतवार का नियंत्रण किया जा सकता है जिसमें काफी श्रम एवं समय लगता है जिससे यह काफी खर्चीला होता है और  दूसरा आसान तरीका यह है कि खरपतवारनाशी  रसायनो के प्रयोग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है, जिसमें भी दो स्तर पर इस करते हैं पहला  यह है कि बुवाई के 24 से 72 घंटे के अंदर पेंडामैथिलीन 30 प्रतिशत EC का 3.3 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 से 700 लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करते हैं जिससे खरपतवार जमने नहीं पाते है। दूसरे यदि इस प्रक्रिया को किसान भाई नहीं कर पाए हैं तो बुवाई के 30 से 35 दिन बाद फसल में नमी की अवस्था में (Emazathapyr)  एमेजाथापर  10% SL.250ML  प्रति एकड़ की दर से 125 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से खरपतवार का नियंत्रण हो जाता है खरपतवार नियंत्रण के उपरांत खेत की गुड़ाई करके 2 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से उसमें बोरान की बुवाई नालियों में करने से फसल काफी अच्छी होती है फलियां चमकदार एवं दाने अच्छे बनते हैं तथा पैदावार अच्छी मिलती है। 


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