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पत्रकार बनकर घूमता एसी मैकेनिक निकला चोर


 गोरखपुर, उत्तर प्रदेश पिछले दिनों एक ऐसी घटना घटी की पहली बार पत्रकार होने पर शर्मसार होना पड़ा।

मामला पिपराईच जाने वाली सड़क पर स्थित शहरी क्षेत्र की अंतिम पुलिस चौकी का है जहां एक युवक रोज़ इसलिए बैठता था कि वह एक पत्रकार था। 

हुआ ये की एक दिन उसी चौकी क्षेत्र में स्थित एक बैंक के एसी का आउटडोर यूनिट चोरी हो गया।

आपको बता दें कि आम तौर पर एसी दो तरह के होते हैं एक विंडो और दूसरा स्प्लिट ।

स्प्लिट में दो हिस्से होते हैं एक जो कमरे के अंदर होता है और दूसरा बाहर लगाया जाता है। अंदर वाले हिस्से को इनडोर और बाहर वाले हिस्से को आउट डोर कहा जाता है जो आमतौर पर बाहरी दीवार या छत के ऊपर लगे होते हैं।

आपको ये सब इसलिए बता रहा हूँ कि आप समझ सकें कि चोरी की घटना कैसे हुई ।

अब आइए उस बहुरूपिये पत्रकार की बात करते हैं । बहुरूपिया इसलिए कि वो पत्रकार कम एसी का मकैनिक ज़्यादा है। उसका मुख्य कार्य एसी बनाना है लेकिन शहर के एक यूट्यूब चैनल ने उसको पत्रकार बना दिया और बाकायदा उसको परिचय पत्र भी दे दिया।

प्रेस का परिचय पत्र मतलब एक ऐसा प्रमाण जो कहीं भी आपको पत्रकार साबित कर दे।

खैर जब बैंक का आउटडोर चोरी हुआ और मामला उसी चौकी पर पहुंचा जहां वह मैकेनिक पत्रकार होने का रौब दिखा कर चाय पीता था तो चोर की शिनाख्त हो गई। कल तक चौकी पर ठाट से बैठने वाले एसी के मैकेनिक पत्रकार महोदय चोर निकले। 

मामला आगे बढ़ा तो पता चला कि उस चोर ने वह आउटडोर यूनिट कोतवाली क्षेत्र के एक दुकानदार को 4 हज़ार में बेंच दिया । वहां वह अपने साथ एक अन्य व्यक्ति को ले गया था और बताया कि ये भईया सेना में हैं और इनका ट्रान्सफर हो गया है इनकी एसी मैं बनाता था लेकिन इसमें कुछ खराबी है इसलिए ये उसको अपने साथ नही ले जाना चाहते । 

अब चूंकि चोर मैकेनिक भी था और उस दुकान से अक्सर समान ले जाता था इसलिए दुकानदार ने यकीन करते हुए उसको भुगतान तो कर दिया लेकिन उस चोर से अपनी आईडी देने को कहा। 

इस पर उसने अपनी प्रेस आईडी उस दुकानदार के आगे कर दिया। दुकानदार ने आश्चर्य से कहा कि अच्छा आप पत्रकार भी हैं और उस प्रेस आईडी की फ़ोटो अपने मोबाइल में ले लिया। 

इसके बाद अभी एक घण्टा ही बीता था कि कुछ सिपाही दुकानदार के पास आये और बाहर रखे आउटडोर यूनिट की ओर इशारा करते हुए पूछा कि यह किसका है और उसको उठाकर ले जाने लगे तो इस पर दुकानदार ने कहा कि यह तो मेरा है अभी मैन इसको 4 हज़ार में खरीदा है तो सिपाही ने बताया कि यह चोरी का है। इतना सुनते ही उक्त दुकानदार सकते में आ गया।

बहरहाल मामला पुलिस चौकी पहुंचा और सभी तलब हुए । बैंक को एसी मिल गया इसलिए कोई मुकदमा नही लिखवाया । स्थानीय पार्षद से लेकर नेता टाइप के लोग चोर मैकेनिक जो पत्रकार होने का प्रमाण भी लिए था उसको छुड़ाने के लिए सक्रिय हो गए। दुकानदार भी अपनी दुकान छोड़कर आया जहां चौकी के दीवान जी उनको हड़काया कि वह कितने दिन के लिए जेल जाएंगे। इस पर दुकानदार ने क्षमा याचना किया तो चौकी प्रभारी ने उनको पुलिस चौकी का एसी बदलने की शर्त पर जाने दिया।

अब आगे क्या हुआ ये तो नही मालूम लेकिन बहुत कुछ हुआ।

वहीं इस पूरी कहानी को जानने वाले एक दरोगा जी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब उनके पास कोई अनजान आदमी आएगा और प्रेस आईडी दिखा कर अपने को पत्रकार कहेगा तो मैं उससे यही कहूंगा कि आप पत्रकार हैं ये बात की बात है पहले ये साबित कीजिये कि आप चो... नही हैं।

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