क्षय रोगियों को पोषण व संबल दे रहे हैं डॉ एके सिन्हा
संतकबीरनगर, क्षय रोगियों को गोद लेकर उनको क्षय मुक्त कराने के अभियान में वह बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं तथा उनको पोषक आहार देने के साथ ही उन्हें मानसिक संबल तथा परामर्श भी देते हैं। पोषक आहार के साथ मानसिक सम्बल व उचित परामर्श देकर उन्होंने 134 बाल क्षय रोगियों को क्षय मुक्त कराया है। इसके साथ ही साथ 200 क्षय रोगियों को गोद लेकर वह अपनी टीम के साथ निरन्तर उनकी देखभाल में लगे हुए हैं ताकि वह क्षयमुक्त होकर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। यह सब कुछ कर दिखाया रोटरी क्लब के अध्यक्ष डॉ ए के सिन्हा ने।
डॉ सिन्हा बताते हैं कि रोटरी क्लब का मुख्य ध्येय सेवा है। इसी को ध्यान में रखकर वह निरन्तर पीडि़त मानवता की सेवा में लगे हुए हैं। पल्स पोलियो अभियान से लेकर इंसेफेलाइटिस पीडि़त गांवों के लोगों में मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरण की दिशा में उन्होने महत्वपूर्ण योगदान दिया। गांव गांव में जाकर लोगों को मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरित करके लोगों को इंसेफेलाइटिस से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। इसके बाद जब 2019 में प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने 2025 तक भारत को क्षय रोग मुक्त भारत बनाने की भारत सरकार की मुहिम से खुद को जोड़ते हुए प्रदेश के समाजसेवियों से बाल क्षय रोगियों को गोद लेने का आह्वान किया तो उन्होने खुद रेडक्रास और रोटरी क्लब की अपनी संयुक्त टीम के साथ 134 बाल क्षय रोगियों को क्रमबद्ध तरीके से गोद लिया तथा उनको क्षय मुक्त कराया। इसके बाद जब विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च 2022) को क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यापक मुहिम चलाई गयी तो जिले में कुल 700 क्षय रोगी एक साथ गोद लिए गए। इस अभियान में भी उन्होंने अपनी रोटरी क्लब की टीम के साथ कुल 200 क्षय रोगियों को गोद लिया। अब वह अपनी टीम के साथ समय-समय पर उन क्षय रोगियों के यहां पहुंचते हैं तथा उनको पोषण के लिए आहार प्रदान करते हैं। इसमें भुने चने, मूंगफली, पोषक आहार, न्यूट्रीशन से सम्बन्धित वैकल्पिक आहार जैसे ब्रोनबीटा, बादाम पाक आदि शामिल हैं। साथ ही साथ उन्हें परामर्श और क्षय मुक्त होने तक साथ रहने का आश्वासन व आत्मिक संबल प्रदान करते हैं।
*बाल क्षय रोगियों को गोद लेने पर राज्यपाल ने किया सम्मानित*
प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के आह्वान पर रोटरी क्लब के अध्यक्ष डॉ ए के सिन्हा ने 134 बाल क्षय रोगियों को गोद लिया था। पहली बार उन्होने रेडक्रास सोसायटी के बैनर तले वर्ष 2020 में जिले के 50 बाल क्षय रोगियों को गोद लिया लिए थे। नवम्बर 2022 तक उन्होने कुल 134 बाल क्षय रोगियों को गोद ले लिया। इसके बाद 24 मार्च 2022 को विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। उनके द्वारा गोद लिए गए 134 बाल क्षय रोगी वर्तमान में पूर्ण रुप से ठीक हो चुके हैं और उनकी अन्तिम जांच भी हो चुकी है। डॉ. सिन्हा के इस सम्मान का महत्व इसलिए और अधिक बढ़ जाता है कि पूरे प्रदेश में सम्मानित होने वाले 10 लोगों में वह शामिल हैं।
*मानवता की सेवा करना ही हमारा ध्येय – डॉ सिन्हा*
डॉ सिन्हा बताते हैं कि शुरुआती दौर से ही मानव सेवा हमारा प्रमुख उद्देश्य रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए मैने रेडक्रास सोसायटी और रोटरी क्लब से सम्बद्ध होकर कार्य किया है। पीडि़त मानवता की सेवा करना ही हमारा मूल उद्देश्य बन गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि लोग घबराते बहुत हैं कि उन्हें टीबी हो गया है। इसे दूर करना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए उनको काउंसिलिंग की जरुरत होती है जो हम देते हैं और उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि वह पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे।
*क्षय रोगियों में काफी लोकप्रिय हैं डॉ सिन्हा*
डॉ सिन्हा क्षय रोगियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। जो क्षय रोगी उनके जिम्मे आए हैं उनमें रामकृपाल ( बदला हुआ नाम ) बताते हैं कि डॉ सिन्हा हर महीने पोषण की थैली लेकर यहां पहुंच जाते हैं। वह यह पूछते भी हैं कि दवा खा रहे हैं कि नहीं, उन्होने अपना फोन नम्बर भी दिया है कि जब जरुरत पड़े फोन कर देना, हम तुरन्त पहुंच जाएंगे। वहीं सत्यभामा ( बदला हुआ नाम ) बताती हैं कि डॉ सिन्हा उनके लिए किसी भगवान से कम नहीं है। वह उन्हें बच्चों की तरह से देखते हैं।
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