प्रश्न के उत्तर मे जिम्मेदारी का झलक रहा कोसो दूर
सन्त कबीर नगर जनपद के विकास खण्ड पौली , खलीलाबाद एवं बेलहर कला मे चल रहे सोशल आडिट के गैर जिम्मेदाराना रवैया के सवालो के उत्तर मे जिला विकास अधिकारी का उत्तर जिम्मेदारी के झलक से कोसो दूर दिखाई दिया । सोशल आडिट टीम द्वारा भौतिक सत्यापन की ठीक ठीक जानकारी देने की आनाकानी के सवाल पर जिला विकास अधिकारी ने कहा कि यह सोशल आडिट जाने वे देना चाहते है कि नही इस पर कोई आदेश नही है । वही जागरूकता के क्रम मे सोशल आडिट टीम की लापरवाही के विषय प्रश्न के उत्तर मे सब कुछ ठीक से चल रहा का उत्तर दिया गया । जबकि जागरूकता नियमानुसार पंद्रह दिन पूर्व सोशल आडिट होने की सूचना के बाद सुनिश्चित की गई तारीख के दो दिन भौतिक के समय मे गांव मे मुनादी एवं दिवालो सार्वजनिक स्थानो पर सोशल आडिट के विषय की मूल जानकारी वाला पोस्टर चस्पा किया जाता है । तदुपरांत ग्रामीणो की मौजूदगी मे बैठक किया जाता है । बिना अभिलेख बिना सेक्रेटरी बिना टी ए की मौजूदगी मे हो रहे सोशल आडिट बैठक के सवाल पर भी जिला विकास अधिकारी ने गैर जिम्मेदाराना उत्तर दिया । उन्होंने कहा कि एम आई एस रिपोर्ट काफी है सारी जानकारियां उससे प्राप्त हो जाती है और जहां तक सेक्रेटरी टी ए आदि के गैर मौजूदगी की बात है तो वे अगर नही होते है तो ग्राम प्रधान अथवा रोजगार सेवक तो होते है । जबकि नियम यह कि सेक्रेटरी अभिलेख, टी ए माप पुस्तिका पैमाना आदि जरूरी चीजो के साथ उपस्थित रहे । यही नही सोशल आडिट की वीडियोग्राफी न होने के उत्तर मे कहा कि फोटो उपलब्ध कराये जाते है जो पर्याप्त है ।
बताते चले कि " पारदर्शिता सहभागिता एवं जवाबदेही " नीति के तहत होने वाले सोशल आडिट बैठक मे घोर लापरवाही की जा रही है न पंद्रह दिन पूर्व कोई सूचना दी जाती है न मुनादी की जाती है न पोस्टर चस्पा किये जाते है और न ही भौतिक सत्यापन किया जाता है । सोशल आडिट का मूल उद्देश्य " पारादर्शिता सहभागिता एवं जवाबदेही " को भी नजरंदाज किया जा रहा है । जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए यह सरासर बुनियादी जरूरत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा जिस टीम को काफी जांच परख के बाद सोशल ऑडिट के लिए गठित किया जाता है फिर भी ऐसी सदस्य ब्लॉकों के कोऑर्डिनेटर के रहमों करम पर चयन कर लिया जाते हैं जिन्हें ऑडिट से संबंधित किसी मामलों की जानकारी नहीं रहती है आए और चले गए हो गई ऑडिट कैसे होगा कल्याण यह आने वाली सरकार जवाब दे रहे हैं या वर्तमान में सत्तासीन सरकारी या जिला प्रशासन,।
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