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केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच कानपुर के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया

 


बरेली, उत्तर प्रदेश केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच कानपुर के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया।

मेडिकल कॉलेज गोल चौराहा स्थित अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद प्रतिमा के निकट इंटक, एटक सीटू ऐक्टू एच एम एस, ए आई यू टी यू सी, टी यू सी सी, आंगनवाड़ी के कार्यकर्ताओं ने मई दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए   देश को बेचना बंद करो, महंगाई पर रोक लगाओ, काम के घंटे कम करो, के नारे लगाए।

  मानव श्रृंखला के बाद कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए श्रमिक नेताओं ने कहा कि कोरोना के कहर के चलते आज सबसे ज्यादा परेशान देश के करोड़ों मजदूर हो रहे हैं। उनका काम धंधा एकदम चैपट हो गया है। उनके परिवार के समक्ष गुजर-बसर करने की समस्या पैदा हो रही है। हालांकि सरकार ने देश के गरीब लोगों को कुछ राहत देने की घोषणा की है। मगर सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सहायता भी मजदूरों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पा रही है। इस कारण बहुत से लोगों के समक्ष रोजी रोटी का संकट व्याप्त हो रहा है। उद्योगपतियों व ठेकेदारों के यहां अस्थाई रूप से काम करने वाले श्रमिको को ना तो उनका मालिक कुछ दे रहा है ना ही ठेकेदार। इस विकट परिस्थिति में श्रमिक अन्य कहीं काम भी नहीं कर सकते हैं। उनकी आय के सभी रास्ते बंद हो रहे हैं।

   देश में आज सबसे ज्यादा काई प्रताड़ित व उपेक्षित है तो वो मजदूर वर्ग है। मजदूरो की सुनने वाला देश में कोई नहीं है। कारखानो में काम करने वाले मजदूरो पर हर वक्त इस बात की तलवार लटकती रहती है कि ना जाने कब मालिक उनकी छंटनी कर काम से हटा दे। कारखानो में कार्यरत मजदूरों से निर्धारित समय से अधिक काम लिया जाता है विरोध करने पर काम से हटाने की धमकी दी जाती है। मजबूरी में मजदूर कारखाने के मालिक की शर्तों पर काम करने को मजबूर होता है। कारखानो में श्रम विभाग के मापदण्डो के अनुसार किसी भी तरह की कोई सुविधायें नहीं दी जाती है।

कई कारखानों में तो मजदूरों से खतरनाक काम करवाया जाता है जिस कारण उनको कई प्रकार की बिमारियां लग जाती है। कारखानों में मजदूरो को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा, पेयजल, विश्राम की सुविधा तक उपलब्ध नहीं करवायी जाती है। मालिको द्वारा निरंतर मजदूरों का शोषण किया जाता है। 

मानव श्रृंखला में प्रमुख रूप से अरविंदराज स्वरूप, राजेश शुक्ल, असित कुमार सिंह,कुलदीप सक्सेना,राणा प्रताप सिंह, मीनाक्षी सिंह, राजीव खरे, तरणी पासवान, आर डी गौतम, रामप्रकाश राय, हीरावती, आर पी कनौजिया, एस ए एम ज़ैदी, मो नजीर,गौरव दीक्षित, ओमप्रकाश आनंद,नवाब सिंह, विद्यारजवार,माया देवी,गीता देवी, सावित्री देवी,विजय लक्ष्मी,अजीत खोटे,गंगा सागर,मोनी आदि शमिल रहे।

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