592 वॉ उर्स हजरत मखदूम हिसामुद्दीन फिरदौसी का कनानी रहमतुल्लाह आले कब मनाया गया - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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592 वॉ उर्स हजरत मखदूम हिसामुद्दीन फिरदौसी का कनानी रहमतुल्लाह आले कब मनाया गया

 


कानपुर, क़ाज़ी एहतेशम उल हक़ ख़ादिम ए सरकार मखदूम ए वासा मेरा ताल्लुक़ वासा दरगाह, डुमरियागंज, ज़िला सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश से है।यहाँ जो वली हैं उनका नाम सुल्तान ए वासा महबूब ए रहमानी हज़रत मखदूम सय्यद शाह हिसामुद्दीन औलिया फ़िरदौसी कनानी अल मारूफ मखदूम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलह आप कनान से कमोबेश 650 साल पहले बर्र-ए-सग़ीर (भारत) आए थे, कनान जो आज फ़िलिस्तीन और इज़राइल है।यह उर्स कई सौ साल से मनाया जा रहा है और आप की तारीख़ ये है की आप जब आए तब यहाँ पे बहुत जुल्मों सितम था।

आप ने यहाँ से १ किलॉमीटर दूर गर्दैया को पलटा इसलिए गर्द से उसका नाम गर्दैया पढ़ा।

इस 592 उर्स के मौके पर देश व प्रदेश के तमाम ज़िलों से हज़ारों की तादाद में अकीदत मंदो ने चादर पोशी की और मानते माँगी यहाँ पर सभी धर्मो के लोग आते है ।समाजवादी पार्टी की डुमरियागंज विधायक सैयदा खातून मौजूद रही बाबा के आस्ताने पर हिंदुस्तान की सलामती के लिए दुआ की!

और यहाँ पुर अमन तरीक़े से उर्स मनाया गया।

इस दौरान फातिहा कव्वाली आदि कार्यक्रम हुए जिसमे क़ाज़ी नियाज़ उल हक़ राष्ट्रीय सचिव ,क़ाज़ी सईद उल हक़, क़ाज़ी मुहम्मद मदनी , क़ाज़ी समी उल हक़ , क़ाज़ी एहतेशाम उल हक़ , मुन्नू बिहारी ,गुलजार कुरैशी ,मुहम्मद मुजाहिद उर्फ़ नज़िश सिराज हुसैन, नसीम खान, लियाक़त पार्षद, दानिश मोईन, शानू खान, सबिर कुरेशी, रईस अहमद बबलू आदि लोग मौजूद रहे।


 

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