उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का साम्राज्य कायम
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का स्वांग रचा जा रहा है जबकि प्रशासकीय तंत्र प्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगा बहाने के लिए कटिबद्ध है। अब गौर किया जाए तो उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासकीय तंत्र के व्यावहारिक कार्यशैली में विरोधाभास की लंबी खाई है और आम जनमानस उस लंबी खाई में गोते लगाते हुए शासकीय प्रशासकीय तंत्र के भ्रष्टाचार के गाल में समाने को विवश है। जब उत्तर प्रदेश सरकार के सीएम सिटी में भ्रष्टाचार का यह आलम है तो अन्य जनपदों में भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस का आलम कुछ और ही होगा। वर्तमान शासकीय तंत्र में किसी भी जांच एजेंसी व प्रधान लेखाकार व लेखा परीक्षक के लेखा परीक्षण रिपोर्टों का कोई वजूद व औचित्य नहीं है। ऐसे व्यवस्था व व्यवस्था के पोषकों को दमनकारी नीति का निर्माता कहा जाना सार्थक होगा। आजादी से लेकर अब तक की सरकारों का अवलोकन किया जाए तो वर्तमान सरकार ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया व व्यवस्था पर अनेकों कुठाराघात हमला किया है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक बदनुमा दाग है। ऐसी सरकारों को अंग्रेजी दासतां के हश्र से सीख लेनी चाहिए। जिसे व्यवस्था के पोषकों को आभास कराने के लिए संगठन उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय गोरखपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध 186दिनों से किए जा रहे सत्याग्रह संकल्प के माध्यम से प्रयासरत है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, राजेश्वर पांडे, गिरजा शंकर नाथ, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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