कश्मीर फाइल्स: पति के खून से रंगे चावल उसकी पत्नी को खिलाने की घटना, जानें पूरी हकीकत
नई दिल्ली,। विशाल अग्निहोत्री के निर्देशन में बनीं 'द कश्मीर फाइल्स' इन दिनों खूब चर्चा में है। 1990 में कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और पलायन की सच्ची कहानी पर बनी इस फिल्म ने लोगों के जख्म हरे कर दिए हैं। इस फिल्म में जिस परिवार की दर्दनाक कहानी को दर्शाया गया है क्या वो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की सैकड़ों दिल दहला देने वाली सच्ची कहानियों में से एक है?
चार साल की रिसर्च के बाद आई है दिल दहला देने वाली सच्चाई
बता दें कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम पर बनी इस फिल्म के निर्देशक विशाल अग्निहोत्री ने इस पर्दे पर उतारने से पहले चार साल तक भारत ही नहीं विदेशों में रह रहे भुक्त भोगी कश्मीरी पंडितों से उनकी दर्दनाक कहानी सुनी और उस पर रिसर्च किया है। उसके बाद एक रियल हादसें को पर्दे पर उतारकर सबके सामने दिल दहला देने वाली सच्चाई लाई है ।
बालकृष्ण (बीके) गंजू की दर्दनाक हत्या की कहानी
फिल्म में दिखाई गई बालकृष्ण (बीके) गंजू की दर्दनाक हत्या की कहानी (BK Ganjoo Murder story) 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की सैकड़ों दर्दभरी कहानियों में से एक है।
कश्मीरी पंडित बीके गंजू का भी यही हश्र हुआ था
बालकृष्ण (बीके) गंजू जिसके पिता का किरदार अनुपम खेर ने निभाया है। वो गंजू की कहानी रियल है। कश्मीरी हिंदू पलायन एक विद्रोह का परिणाम था जिसने पंडितों को अपने मुस्लिम भाइयों से डरा दिया। यह एक काला समय था जब कोई किसी पर भरोसा नहीं कर सकता था और धर्मनिरपेक्षता के नकली विचार और तथाकथित कश्मीरियत का पर्दाफाश किया गया था । कश्मीरी पंडित बीके गंजू का भी यही हश्र हुआ बीके गंजू टेलीकॉम इंजीनियर थे कश्मीरी पंडित बीके गंजू टेलीकॉम इंजीनियर थे 22 मार्च 1990 को जब कर्फ्यू में ढील दी गई तो वो अपने घर पहुंचा। उसे लगा कुछ लोग उसका पीछा कर रहे हैं लेकिन उसने नज़रअंदाज कर दिया जब वह अपने घर के पास पहुंचा, तो उसकी पत्नी ने देखा कि कुछ अज्ञात लोग उसका पीछा कर रहे हैं। जैसे ही गंजू ने घर में घुसा उसने घर में अंदर से ताला लगा लिया लेकिन आतंकवादी घर में घुस आए।मुस्लिम पड़ोसियों ने आतंकियों को किया था ये इशारा गंजू अपने घर की तीसरी मंजिल तक भाग गया और खुद को चावल के ड्रम में छुपा लिया। आतंकवादियों ने पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन वे उसे नहीं ढूंढ पाए, लेकिन गंजू के मुस्लिम पड़ोसियों ने आतंकवादियों इशारे से बता दिया कि वो चावल के कंटेनर में छिपा हुआ है।चावल के ड्रम में बंद गंजू को गोलियों से भून डाला
उसी ड्रम में उसे गोलियां मारी और चावल पर खून बह रहा था। जाते समय वो आतंकी चिल्लाए , 'चावल को अपने खून में भिगोने दो और अपने बच्चों को इसे खाने दो। आह, यह कितना स्वादिष्ट भोजन होगा'।
पत्नी को खिलाए थे खून से सने चावल गंजू की उम्र उस समय महज 30 वर्ष थी। चावल के कंटेनर में बंद गंजू को गोलियों से भूनने के बाद उसका खून ड्रम के छेद से बाहर पड़े चावल में रिस रहा था। आतंकियों ने गंजू के खून से सने चावल उनकी पत्नी को खिलाए थे अपने बच्चों को बचाने के लिए उसने पति के खून से सने चावल खाएं।
2019 में फेमस कॉलमिस्ट सुनंदा वशिष्ठ ने किया था इसका जिक्र
2019 में फेमस कॉलमिस्ट सुनंदा वशिष्ठ ने बीके गंजू की इस घटना का जिक्र भी किया था और तब उन्होंने ये भी कहा था 'बीके गंजू जैसे लोगों को पड़ोसियों पर भरोसा करने के बदले में सिर्फ धोखा मिला'
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