तलाक महल के इन जालसाज बिल्डरों के गैंग से सावधान
कई परिवारों की जिंदगी भर की कमाई शातिर बिल्डर गैंग ने कब्जाई
धोखाधड़ी : नक्शे में बड़ी दुकान दिखाकर छोटी दुकान थमा रहे बिल्डर
पैसा वापस माँगने पर ताज बिल्डर के जालसाज़ पार्टनर और उनके गुर्गे पीड़ितों को देते हैं धमकियाँ
सब्जी विक्रेता को 16 लाख रुपए में फुटपाथ पर बना कर दी दुकान
आत्महत्या की कगार पर पहुँचाया परिवार को
कोर्ट और पुलिस में जाने की तैयारी में ताज बिल्डर के हाथों लुटे परिवार
कानपुर, गरीब आदमी अपनी जिंदगी में तिल-तिल जोड़कर अपने बच्चों का भविष्य संजोने का सपना देखता है, तो वहीं अगर कोई उसकी जिंदगी भर की कमाई हड़प ले तो फिर मौत को गले लगाने के सिवा कोई चारा नहीं बचता।कुछ ऐसा ही ताज बिल्डर की तलाक महल स्थित एक बिल्डिंग में हुई जालसाजी का मामला प्रकाश में आया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार ताज बिल्डर के मालिकान माशूक मलिक, आरिफ उर्फ पिंकी व सलाउद्दीन ने तलाक महल स्थित भवन संख्या 97/138 में बिल्डर एग्रीमेंट कर निर्माण कार्य शुरू कराने के पूर्व ही दुकान और फ्लैटों की बुकिंग शुरू कर दी, बुकिंग शुरू होने पर खरीदारों ने बन रही बिल्डिंग में दुकानों व फ्लैटो की बुकिंग करा ली।बुकिंग होने के उपरांत दबंग बिल्डरों ने खरीदारों को विश्वास में लेकर बिना लिखा पढ़ी कराये लगभग बकाया रकम लेकर उनकी दुकानें और फ्लैट छोटे कर दिए,जिससे ना तो दुकानदार को पर्याप्त जगह मिल रही है और ना ही फ्लैट मालिकों को,अब बिल्डर के गुर्गे खरीदारो पर दबाव बना रहे हैं कि वह उनको और ज्यादा पैसे दे जब उनको पूरी जगह देंगे,अन्यथा बिल्डर जितनी जगह दे रहे हैं उसी से उनको संतोष करना पड़ेगा,नहीं तो खरीदार ने जो बिना लिखा पढ़ी के अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा दिया है उससे उसको हाथ धोना पड़ जाएगा। अब खरीदार असमंजस में है कि वह करे तो क्या करे?ऐसी सूरत में खरीदार और ज्यादा पैसे नहीं देता है तो जितनी जगह बिल्डर दे रहे हैं उसी से उसको संतोष करना पड़ेगा,जिससे खरीदार का दुकान व फ्लैट खरीदने का मकसद नहीं हल हो रहा,और अगर पैसे बढ़ाकर नहीं देता है तो उसकी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई बिल्डर हड़प ले रहे हैं।सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के एक गरीब सब्जी विक्रेता इकबाल ने अपने नाते रिश्तेदारों से उधार लेकर पिंकी,सलाउद्दीन और माशूक मलिक से एक दुकान का सौदा 16 लाख रुपए में तय किया था,इन लोगों ने इकबाल को विश्वास में लेकर दूकान बनने से पूर्व उसकी दुकान की रजिस्ट्री कर दी।साथ ही अपनी बकाया रकम भी इकबाल से प्राप्त कर ली,पूरी रकम मिलने के बाद इन बिल्डरों ने इकबाल को फुटपाथ पर दुकान बना कर दे दी,जिसका इकबाल ने विरोध किया तो इन बिल्डरों ने अपने गुंडों के द्वारा उसको धमका कर फुटपाथ पर बनी दुकान लेने पर मजबूर कर दिया।
अब सब्जी विक्रेता इकबाल असमंजस में है कि अगर भविष्य में कभी अतिक्रमण चला तो उसकी जिंदगी भर की कमाई जो उसने अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए जमा की थी उसका क्या होगा,और साथ ही वह यह कर्जा कैसे भरेगा जो उसने दुकान खरीदने के लिए अपने नाते रिश्तेदारों से लिया है।
इन बिल्डरों का कारनामा यहीं खत्म नहीं हुआ इनके और भी कारनामों का खुलासा समाचार पत्र अगले अंक में करेगा।
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