तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम महासंघों की दो दिवसीय हड़ताल को सफल करने के लिए औद्यौगिक क्षेत्र दादानगर चौराहे पर श्रमिकों ने रास्ताजाम किया - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

Header Ads

तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम महासंघों की दो दिवसीय हड़ताल को सफल करने के लिए औद्यौगिक क्षेत्र दादानगर चौराहे पर श्रमिकों ने रास्ताजाम किया

 


कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर केंद्रीय श्रम महासंघों की दो दिवसीय हड़ताल को सफल करने के लिए  औद्यौगिक क्षेत्र  दादानगर चौराहे पर श्रमिकों ने रास्ताजाम किया। श्रम महासंघों में शामिल इंटक, एटक, सीटू, एच एम एस,सीटू, ऐक्टू, ए आई यू टी यू सी, टी यू सी सी के श्रमिक नेतागण राजीव खरे, क्षत्रिय आज़ाद, मीनाक्षी सिंह,सीमा कटियार, असित कुमार सिंह, विद्यारजवार, आर डी गौतम, रामप्रकाशराय,एसएएम ज़ैदी, मो वशी, गोविंद नारायण,रामसिंह,विजय कुमार,राम गोपाल, अतर सिंह,टेकचंद्र, महबूब आलम, अशोक सिंह,उमाकांत, देवेंद्र श्रीवास्तव, मो खालिद,सारिक, डॉक्टर आर के विश्वकर्मा,विजयकुमार,ओमप्रकाश,रामकृपाल,और कार्यकर्ताओं ने सरकारी उद्योगों की बिक्री, चार श्रमिक कानून को रद्द किया जाए,ज़रूरी रक्षा सेवा अधिनियम  को रद्द किया जाये,संयुक्त किसान मोर्चा के 6 सूत्री घोषणापत्र को स्वीकार किया जाये, सभी तरह के निजीकरण से तौबा किया जाये और नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम को ख़त्म किया जाये,

आयकर भुगतान के दायरे के बाहर के परिवारों को प्रति माह 7,500 रुपये की आय सहायता प्रदान की जाये,

 मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाया जाये और शहरी क्षेत्रों में रोज़गार गारंटी कार्यक्रम का विस्तार किया जाये, ठेकेदारी प्रथा बंद हो, सभी अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाये।

 आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मिल और दूसरी योजना में लगे कार्यकर्ताओं के लिए वैधानिक न्यूनतम पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाये,

असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के लिए न्यूनतम वेतन ₹ 26000/ घोषित किया जाए क्योंकि नोटबंदी और कोविड आपदा से असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों पर बेरोजगारी की गाज गिरी है। इसलिए न्यूनतम वेतन ₹26c000/- घोषित किया जाना जीने लायक वेतन होगा।

एटक के सचिव तथा केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के संयोजक असित कुमार सिंह ने बताया कि असंगठित क्षेत्र दादानगर,पनकी औद्यौगिक क्षेत्र में हड़ताल का प्रभाव कुछ उद्योगों पर पड़ा है।


No comments