स्थिर सरकार गठन के बाद ही कर्मचारियों की समस्याओं का होगा निस्तारण:जे एन तिवारी - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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स्थिर सरकार गठन के बाद ही कर्मचारियों की समस्याओं का होगा निस्तारण:जे एन तिवारी

 राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज एक प्रेस 



लखनऊ  राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश के सभी कर्मचारियों को रंगों के पर्व होली की शुभकामनाएं दिया हैउन्होंने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश का कर्मचारी सद्भाव के वातावरण में रंगोत्सव का आनंद लें तथा आने वाले समय में संयुक्त परिषद के कार्यक्रमों के लिए मानसिक रूप से अपने को तैयार करें ।

उन्होंने अवगत कराया है कि प्रदेश सरकार के शपथ ग्रहण में हो रहे विलंब का असर कर्मचारियों की जायज मांगों पर कार्यवाही पर भी पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार नई सरकार का लखनऊ  राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश के सभी कर्मचारियों को रंगों के पर्व होली की शुभकामनाएं दिया हैउन्होंने अपने संदेश में कहा है कि प्रदेश का कर्मचारी सद्भाव के वातावरण में रंगोत्सव का आनंद लें तथा आने वाले समय में संयुक्त परिषद के कार्यक्रमों के लिए मानसिक रूप से अपने को तैयार करें ।


उन्होंने अवगत कराया है कि प्रदेश सरकार के शपथ ग्रहण में हो रहे विलंब का असर कर्मचारियों की जायज मांगों पर कार्यवाही पर भी पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार नई सरकार का शपथ ग्रहण 25 मार्च को संभावित है। स्थिर सरकार के गठन के बाद ही कर्मचारियों की मांगों पर विचार विमर्श शुरू हो सकेगा।


 उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों की मुख्य मांगे जिनमें आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तें एवं मानदेय का संरक्षण, संविदा कर्मचारियों का नियमित पदों पर समायोजन, मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार प्रदेश की 2 लाख 20 हजार आशा बहुओं को 3500 प्रतिमाह फिक्स किए गए मानदेय का भुगतान, कोविड भत्ता का भुगतान, मुख्य सचिव समिति के माध्यम से चकबंदी अधिकारी, आशुलिपिक, लैब टेक्नीशियन, आईटीआई के अनुदेशक, लिपिकीय संवर्ग, की वेतन विसंगतियों पर निर्णय, रिक्त पदों को भरा जाना, नगर प्रतिकर भत्ता की बहाली, केंद्र सरकार के आदेशों के क्रम में 2009 तक नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था में लाया जाना,  अनुसूचित प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण, नगर विकास विभाग द्वारा संचालित महानगरी परिवहन सेवाओं में एक सेवा एक एम डी के निर्णय का निर्णय लागू किया जाना, संविदा पर कार्यरत वाहन चालक एवं परिचालक को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाना इत्यादि मांगों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही अपेक्षित है।


 जे एन तिवारी ने यह भी अवगत कराया है कि 20 अप्रैल के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का मंडलीय स्तर पर सम्मेलन शुरू हो रहा है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के नजदीक पहुंचकर उनकी समस्याओं से रूबरू होना तथा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की कार्यप्रणाली से उनको अवगत कराना है। आगे उन्होंने प्रदेश के सभी कर्मचारियों से अपील किया है कि चुनाव के दौरान साइकिल इत्यादि विभिन्न सवारियों पर सवार कर्मचारी अब अपने मूल स्थान पर वापस आ जाएं और एकजुट होकर कर्मचारी हितों में कार्य कर रहे संयुक्त परिषद के साथ मिलकर कार्य करें। चुनाव के दौरान सभी संगठनों की राजनीतिक पार्टियों के साथ संलिप्तता उजागर हो चुकी है। अब कर्मचारियों को अपना हितलाभ देखकर कर्मचारी हित में लगे हुए संगठन के साथ कार्य करने में लग जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सभी संगठनों के पदाधिकारियों से भी अपील किया है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा का त्याग कर कर्मचारी हित में एकजुटता बनाकर कार्य करें ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण हो सके। जे एन तिवारी ने यह जानकारी वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक के बाद दिया है। इस बैठक में संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, ओम प्रकाश पांडे, विजय श्याम तिवारी, रामेश्वर पांडे, नारायण जी दुबे, सरोजनाथ पांडे, महामंत्री निरंजन कुमार श्रीवास्तव, (महामंत्री) मुख्यालय रेनू मिश्रा, सांस्कृतिक मंत्री कुसुम लता यादव, कविता सिंह राजपूत, प्रदेश मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी प्रीति पांडे, मीडिया प्रभारी राजेश निराला, वित्त मंत्री अजय लक्ष्मी यादव, नितिन गोस्वामी, हरगोविंद यादव, सहित विभिन्न मंडलों के मंडल अध्यक्ष एवं मंत्रियों ने भी  प्रतिभाग किया

ईग्रहण 25 मार्च को संभावित है। स्थिर सरकार के गठन के बाद ही कर्मचारियों की मांगों पर विचार विमर्श शुरू हो सकेगा।

 उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों की मुख्य मांगे जिनमें आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तें एवं मानदेय का संरक्षण, संविदा कर्मचारियों का नियमित पदों पर समायोजन, मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुसार प्रदेश की 2 लाख 20 हजार आशा बहुओं को 3500 प्रतिमाह फिक्स किए गए मानदेय का भुगतान, कोविड भत्ता का भुगतान, मुख्य सचिव समिति के माध्यम से चकबंदी अधिकारी, आशुलिपिक, लैब टेक्नीशियन, आईटीआई के अनुदेशक, लिपिकीय संवर्ग, की वेतन विसंगतियों पर निर्णय, रिक्त पदों को भरा जाना, नगर प्रतिकर भत्ता की बहाली, केंद्र सरकार के आदेशों के क्रम में 2009 तक नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था में लाया जाना,  अनुसूचित प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण, नगर विकास विभाग द्वारा संचालित महानगरी परिवहन सेवाओं में एक सेवा एक एम डी के निर्णय का निर्णय लागू किया जाना, संविदा पर कार्यरत वाहन चालक एवं परिचालक को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाना इत्यादि मांगों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही अपेक्षित है।


 जे एन तिवारी ने यह भी अवगत कराया है कि 20 अप्रैल के बाद राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का मंडलीय स्तर पर सम्मेलन शुरू हो रहा है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के नजदीक पहुंचकर उनकी समस्याओं से रूबरू होना तथा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की कार्यप्रणाली से उनको अवगत कराना है। आगे उन्होंने प्रदेश के सभी कर्मचारियों से अपील किया है कि चुनाव के दौरान साइकिल इत्यादि विभिन्न सवारियों पर सवार कर्मचारी अब अपने मूल स्थान पर वापस आ जाएं और एकजुट होकर कर्मचारी हितों में कार्य कर रहे संयुक्त परिषद के साथ मिलकर कार्य करें। चुनाव के दौरान सभी संगठनों की राजनीतिक पार्टियों के साथ संलिप्तता उजागर हो चुकी है। अब कर्मचारियों को अपना हितलाभ देखकर कर्मचारी हित में लगे हुए संगठन के साथ कार्य करने में लग जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सभी संगठनों के पदाधिकारियों से भी अपील किया है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा का त्याग कर कर्मचारी हित में एकजुटता बनाकर कार्य करें ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का निस्तारण हो सके।

जे एन तिवारी ने यह जानकारी वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक के बाद दिया है। इस बैठक में संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष आदित्य नारायण झा, ओम प्रकाश पांडे, विजय श्याम तिवारी, रामेश्वर पांडे, नारायण जी दुबे, सरोजनाथ पांडे, महामंत्री निरंजन कुमार श्रीवास्तव, (महामंत्री) मुख्यालय रेनू मिश्रा, सांस्कृतिक मंत्री कुसुम लता यादव, कविता सिंह राजपूत, प्रदेश मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी प्रीति पांडे, मीडिया प्रभारी राजेश निराला, वित्त मंत्री अजय लक्ष्मी यादव, नितिन गोस्वामी, हरगोविंद यादव, सहित विभिन्न मंडलों के मंडल अध्यक्ष एवं मंत्रियों ने भी  प्रतिभाग किया


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