भ्रष्ट अभियंताओं के भ्रष्टाचार की वीरगाथाओं का नया अध्याय उजागर
कथित विटुमिन आपूर्ति मद में अरबों रुपए का घोटाला
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के खंडीय कार्यालयों के भ्रष्ट संगठित अधिशासी अभियंता अपने अनुचित लाभ हेतु स्टोर व हेड क्वार्टर में कनिष्ठ अवर अभियंताओं व सहायक अभियंताओं को दायित्व दिया जाता है जबकि शासनादेशों के अनुरूप वरिष्ठ अवर अभियंताओं वाह सहायक अभियंताओं को दायित्व दिया जाना चाहिए। चूकी संगठित भ्रष्ट अधिशासी अभियंताओं को अपने भ्रष्टाचार की वीर गाथाओं को अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप शिखरतम अध्याय लिखना रहता है जिसके परिणाम स्वरूप शासकीय,प्रशासकीय निर्देशों को नजरअंदाज कर अपने अनुकूल चहेते भ्रष्टतम अवर अभियंता व सहायक अभियंताओं की तैनाती करते हुए बिटुमिन वितरण को कतिपय क्षेत्रों में अव्यावहारिक मात्रा में अभिलेख में दर्शित करते हुए लगभग अरबों रुपए के सरकारी धनराशि का बंदरबांट किया जाता है मथुरा से तारकोल की सप्लाई ड्रम में होती है और संबंधित ठेकेदारों को 20 किलो प्रति ड्रम कम देते हुए मार्गो का गुणवत्ता विहीन निर्माण कराया जाता है इस प्रकार बचत किए गए तारकोल को अन्य माध्यमों से बिक्री कर सरकारी धन राशि का बंदरबांट किया जाता है अगर मथुरा से विभाग में तारकोल सप्लाई का विभाग के अभिलेख में अंकित वाहनों का टोल टैक्स के अभिलेखों से तुलनात्मक अवलोकन कराया जाए तो तारकोल के कथित आपूर्ति घोटाले मद में लगभग अरबों रुपए के घोटाले की पुष्टि किया जा सकता है। जो भ्रष्ट अभियंताओं के भ्रष्टाचार की वीर गाथा में से एक है।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, राजेश्वर पांडे, गिरजा शंकर नाथ, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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