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डिप्लोमा फार्मेसिस्ट पंजीकरण के लिए एग्जिट एग्जामिनेशन गुणवत्ता को बढ़ाने वाला होगा-सुनील यादव


लखनऊ- डिप्लोमा इन फार्मेसी उत्तीर्ण छात्रों को अब पंजीकरण के पहले एग्जिट एग्जामिनेशन उत्तीर्ण करना आवश्यक होगा, इससे फार्मेसी के क्षेत्र में अनुशासन, सत्य निष्ठा, निर्णय कौशल, ज्ञान और सीखने की इच्छा बढ़ेगी । इसे पास करने के बाद फार्मेसिस्ट अपने व्यवसायिक कार्यो और उत्तरदायित्व का वहन करने के अतिरिक्त अपने व्यवसाय कौशल का पूरा उपयोग कर सकेगा ।  उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और फार्मेसिस्ट फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील यादव ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि डिप्लोमा इन फार्मेसी एग्जिट एग्जामिनेशन रेगुलेशन 2022 भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किये जाने से फार्मेसीय प्रोफेशन में गिरते शैक्षणिक स्तर को बचाया जा सकेगा  फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया के प्रस्ताव पर इस रेगुलेशन को मंजूरी दी गयी है, जिसे भारत के असाधारण गजट भाग तीन खंड 4 में प्रकाशित किया गया है । अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन की तिथि 24 फरवरी 2022 से ही लागू हो गई है अर्थात 24 फरवरी के बाद डीफार्मा छात्रों को पंजीकरण के पूर्व एग्जिट एग्जामिनेशन देना आवश्यक हो गया है ।एग्जिट एग्जामिनेशन के बारे में फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा समय-समय पर आम जनता को सूचित किया जाएगा । प्रत्येक वर्ष दो बार परीक्षा आयोजित होगी । परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा घोषित योजना के अनुसार ही होगी । निर्धारित प्राधिकरण द्वारा अभ्यर्थी को परीक्षा की तारीख और परीक्षा केंद्र का आवंटन परीक्षा केंद्र की उपलब्धता के आधार पर होगा । एग्जिट एग्जाम के लिए फार्मेसी कौंसिल द्वारा धारा 12 के अंतर्गत अनुमोदित संस्थान से डिप्लोमा फार्मेसी उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा । इस हेतु एक आवेदन फार्म भरना होगा । एग्जिट एग्जामिनेशन फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित प्राधिकरण द्वारा कराया जाएगा ।
फार्मास्यूटिक्स, फार्माकोलॉजी, फार्माकोग्नोसी, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री, हॉस्पिटल एंड क्लिनिकल फार्मेसी, फार्मास्यूटिकल जूरिस्प्रूडेंस और ड्रग स्टोर मैनेजमेंट में बहुविकल्पीय प्रश्नों के तीन पेपर होंगे । परीक्षा की भाषा अंग्रेजी होगी और यह पेपर 3 घंटे का का होगा । परीक्षा में प्रत्येक पेपर में अलग से न्यूनतम 50% अंक पाने वाला ही उत्तीर्ण होगा । *तीनों पेपर एक ही प्रयास में उत्तीर्ण करने होंगे जबकि परीक्षा में बैठने के प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा* । इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवार को नामांकन और फार्मेसी की प्रैक्टिस के लिए पात्रता का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा और इसी के आधार पर स्टेट फार्मेसी काउंसिल में डिप्लोमा फार्मेसिस्ट का पंजीकरण किया जाएगा ।

ज्ञातव्य है कि हाल के दिनों में डिप्लोमा इन फार्मेसी के अनेक ऐसे भी संस्थान खुल गए थे जहां पर फार्मेसी की शिक्षा का स्तर असागच नही था । गली-गली ऐसे कॉलेजों के खुल जाने से फार्मेसी संवर्ग में और फार्मेसिस्टो के  ज्ञान में कहीं ना कहीं कमी दिखाई देने लगी थी । अब इस परीक्षा के कारण निश्चित रूप से गुणवत्ता में सुधार होगा और अच्छा ज्ञान प्राप्त करने के उपरांत योग्य फार्मेसिस्ट ही पंजीकृत हो सकेगा । इससे जनता का भला होगा और संवर्ग का भी नाम होगा । क्योंकि फार्मेसी व्यवसाय जनता के सीधे जीवन और मरण से जुड़ा हुआ है इसलिए इसमें किया गया सुधार जनहित में है और इसका स्वागत किया जाना चाहिए ।फार्मेसिस्ट फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार, संयोजक और स्टेट फार्मेसी कौंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार केके सचान, संगठन मंत्री जे पी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह उपाध्यक्ष और फार्मेसी काउंसिल के सदस्य सरफराज अहमद, राम सिंह यादव, अमरपाल यादव, ए पी सिंह, एन के यादव ने भी इस अधिसूचना का स्वागत किया है ।

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