शब-ए-मेराज 28 फरवरी को, होगी इबादत
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश इस्लाम धर्म के मुबारक महीनों में से एक रजब का महीना चल रहा है। इस महीने की 27वीं शब को ‘शब-ए-मेराज’ कहा जाता है। 28 फरवरी की रात ‘शब-ए-मेराज’ की रात है। हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने बताया कि इस रात पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात हुई थी। अरबी में ‘शब’ का अर्थ रात है अर्थात इस रात को पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की अल्लाह से मुलाकात की रात भी कहते हैं। हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने बताया कि शब-ए-मेराज का इस्लाम धर्म में बहुत महत्व है साथ ही इस रात की बड़ी फज़ीलत है। इस रात इबादत करने का अलग महत्व है। इस रात मुसलमान नफिल नमाज़ अदा करते हैं। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत भी करते हैं। बहुत सारे लोग रजब की 26 व 27 तारीख़ का रोजा भी रखते हैं।
शब-ए-मेराज के मुकद्दस मौके पर कई मस्जिदों में शब-ए-मेराज की महफिल सजेगी। सलातुल तस्बीह व अन्य नफिल नमाज़ अदा की जाएगी। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत घरों व मस्जिदों में होगी। रातभर अल्लाह व रसूल का जिक्र होगा। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश किया जाएगा। मदरसा क़ादरिया तजवीदुल कुरआन निस्वां इमामबाड़ा अलहदादपुर में औरतों की महफिल होगी।
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