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सेन्ट्रल के भिखारी जीआरपी की शरण में देते हैं तीन सौ रुपये रोज


कानपुर-बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा रुपैया यह कहावत इन दिनों जीआरपी के सिपाही प्रेमपाल पर बिल्कुल सटीक बैठ रही है।जिसने अवैध वसूली करने के लिए अपने नीचे कई अराजक तत्वों को अपनी शरण में ले लिया है।

जहां एक तरफ जीआरपी के आला अधिकारी नो क्राइम का नारा दे रहे हैं,वही उनके मातहत अपने अधिकारियों को जनता के सामने शर्मसार कर रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जीआरपी के सिपाही प्रेमपाल ने अवैध वसूली के लिए कई गुर्गे पाल रखे हैं,उसमे एक खास नाम गोलू का आता है,जो पुलिस की शरण में आते ही अपने आप को किसी थानेदार से कम नहीं समझता।गोलू ट्रेनों में अवैध वेंडरों से प्रतिदिन ₹300 ऐसे हक से मांगता है जैसे यह पैसा रेल विभाग के खानपान विभाग में जमा होना है,परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं,सरकारी खजाने में ₹1 भी नहीं जाना है बल्कि मोटी रकम प्रेमपाल के हिस्से में आती है।कानपुर से गुजरने वाली समस्त रूटों पर चलने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों का बोलबाला रहता है।इतना ही नही जीआरपी को पैसा देने के बाद यह अवैध वेंडर अपने आप को रेल स्टाफ तक बता देते हैं।

सूत्रों की माने तो इन दिनों करीब 3 सैकड़ा अवैध वेंडरों का विभिन्न ट्रेनों पर कब्जा है,मजे की बात यह है कि जब कोई यात्री या फिर रेलवे का अधिकृत वेंडर इसका विरोध करता है तो अवैध वेंडरों का पूरा झुंड विरोध करने वाले को घेर कर मारपीट पर उतारू हो जाता है।अगर कोई यात्री अवैध वेंडरों की शिकायत करने थाने पहुंचता है तो उल्टा पुलिस वाले ही उसे डपट कर भगा देते हैं।पैसों की हवस प्रेमपाल के अंदर इतनी बढ़ गई है कि ट्रेनों में भीख मांगने वाली महिलाओं से भी वसूली करने पर नहीं चूक रहे,भिखारियों से भी प्रतिदिन ₹300 की उगाही जारी है।अब देखना यह है कि बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जीआरपी पुलिस के आला अधिकारी थानेदार के करीबी प्रेमपाल पर क्या कार्रवाई करते हैं।

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