अभियंताओं के भ्रष्टाचार के दुर्गंध में डूबा शासकीय तंत्र
प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक खड़ीय लेखा अधिकारियों से लाचार
गोरखपुर। तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध 13 जुलाई 2021 से चलाए जा रहे चरणबद्ध अभियान के क्रम में उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के भ्रष्ट अभियंताओं के भ्रष्टाचार की दुर्गंध में डूबे शासकीय तंत्र की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा पार हो चुकी है। संगठन के साथ-साथ अब आम नागरिक भी 112 दिनों के सत्याग्रह संकल्प पर शासकीय प्रशासकीय तंत्र की उदासीनता व उपेक्षा पर मंथन करने पर विवश हैं कि आखिर कौन सी वजह है कि प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक के वर्षवार वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट पर कार्यवाही करने में व्यवस्था के पोषक अक्षम है। आखिर इस संरक्षण के लिए शासकीय तंत्र को भ्रष्ट अभियंताओं द्वारा भ्रष्टाचार का कौन सा नायाब पारितोषिक दिया गया है और उक्त के क्रम में यह भी समझ से परे है कि प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक द्वारा अपने वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट में गंभीर वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध उजागर होने के उपरांत अपने खंडीय लेखा अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक एवं दंडात्मक कार्यवाही करने से नजरें चुरा रही है, और अपने वजूद को अस्तित्वहीन होता देख खामोश है। ऐसे में सहजतापूर्ण माना जा सकता है कि प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक के अपने ही खड़ीय लेखा अधिकारियों के संरक्षण में शासकीय तंत्र के मिलीभगत से अभियंताओं को भ्रष्टाचार की नंगी नाच करने कि खुली छूट प्रदान की गई है। जिसे संगठन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और आखरी सांस तक आगाज करता रहेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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