सपा सरकार से भी ज्यादे बेलगाम है इस समय का शासन और प्रशासन- अनिल कुमार प्रजापति प्रबल दावेदार 313 विधानसभा क्षेत्र खलीलाबाद उत्तर प्रदेश
संत कबीर नगर भय भूख भ्रष्टाचार का नारा देने वाली सरकार सत्ता पा गई लेकिन इस सप्ताह में अधिकारी कर्मचारी निरंकुश हो गए हैं पूरी तरह से सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को विफल करने में जुटे हुए हैं उक्त आशय की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार प्रजापति प्रजापति महासंघ ने बताया कि अन्य सरकारों से बढ़कर भाजपा राज में निरंकुशता भ्रष्टाचार अधिकारियों और कर्मचारियों का बेलगाम होना यह साबित करता है कि आने वाला 2022 का चुनाव इनके लिए कांटे की टेढ़ी खीर होगी,ग्राम जिगनी विधानसभा खजनी जनपद गोरखपुर में सधई प्रजापति एवं अन्य किसानों की जमीन को मनमानी ढंग से रिलायंस कंपनी (बिजली विभाग) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा अधिगृहीत कर 33000 बोल्ट का टावर जबरदस्ती लगवाने का प्रयत्न किया जा रहा है। इस संबंध में सहयोगी मित्रों के साथ आज दिनांक 5.12.2021 को मौके पर किसानों एवं इंजीनियर के बीच सामंजस्य स्थापित करने की भरपूर कोशिश की गई जिसमें विकास के दृष्टिगत किसान तो समझौता करना चाहे किन्तु बिजली विभाग के अधिकारी अपने जिद्द पर इस प्रकार अड़े रहे जैसे मानों देश के अन्नदाताओं को सरकार ने रिलायंस कंपनी के पास गीरवी रख दिया हो। मर्माहत सभी किसान मौके पर उपस्थित जेई को स्पष्ट चेतावनी दिए कि यदि जबरदस्ती हमारे खेतों में मनमानी ढंग से टावर लगाया गया तो शासन प्रशासन और हम किसानों के बीच मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से खुला जंग का एलान होगा जिसका तमाशा पुरा उत्तर प्रदेश देखेगा और कल ही इसकी लिखित शिकायत उपजिलाधिकारी एवं जिलाधिकारी गोरखपुर को सुचनार्थ व आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित ग्रामीण देंगे। जिसपर घेराबंदी से खार खाए बिजली विभाग के उच्चाधिकारी ने मोबाइल नंबर 7071729001 से हमारे मोबाइल नंबर 9005329144 पर फोन करके धमकी तक दे डाली कि प्रजापति जी यदि हमारे काम में किसानों की तरफ से ज्यादा हस्तक्षेप करोंगेपं तो शासन प्रशासन से मिलकर विशेष कानूनी कार्यवाही आपके उपर करवाई जाएगी यह अडानी अंबानी जैसे पूंजीपतियों का टेंडर है जो माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री महोदय के खास है। हालांकि संबंधित उच्चाधिकारी को मुंहतोड़ जवाब दिया जा चुका है अनिल प्रजापति समाज हित में सदैव सर पर कफ़न बांध कर चलता है फिर भी हैरत इस बात का है कि क्या वास्तव में हमारा शासन प्रशासन और सरकार इतनी निरंकुश हो चुकी जो देश के अन्नदाताओं तक को बख्शने के मूड में नहीं, अत्यंत चिंता का विषय है।
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