अल अज़हर विश्वविद्यालय में स्नातक के लिए चयनित हुये आला हज़रत के मदरसा मंज़रे इस्लाम के पाँच छात्र
स्कॉलरशिप पर अल अज़हर जाने से बेहद ख़ुश नज़र आ रहे हैं पाँचों छात्रों के परविार।
मंज़रे इस्लाम के प्रबंधक हज़रत सुब्हानी मियाँ साहब और हज़रत अहसन मियाँ साहब ने फ़ोन पर शुक्रिया अदा किया कुलपति और मिस्र राजदूत का।
दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियाँ और सज्जादानशीन हज़रत अहसन मियाँ ने दुआयें देकर मिस्र रवाना किया इन पाँचों छात्रों को।
टी0टी0एस0 और मंज़रे इस्लाम के छात्रों ने फूल मालायें पहनाकर सम्मानित किया पाँचों छात्रों को।
बरेली,
उत्तर प्रदेश।
अल अज़हर विश्वविद्यालय इस्लामी जगत की सबसे बड़ी शैक्षिक संस्था है जो कई दशकों से पूरे विश्व में इस्लामिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा की रौशनी फैलाने का काम कर रहा है। अल अज़हर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को पूरे इस्लामी जगत में भरोसे और महत्व की दृष्टि से देखा जाता है। इस्लामी जगत का यही वह एक मात्र विश्वविद्यालय है कि जिसमें विश्वभर के हर देश से छात्र उच्च धार्मिक और मॉर्डन शिक्षा प्राप्त करने के लिये जाते हैं। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि अल अज़हर विश्वविद्यालय हर देश से छात्रोें को अपनी एक विशेष स्कॉलरशिप पर इन छात्रोें को शिक्षा ग्रहण करने के लिये बुलाता है। इन छात्रों के आने जाने के टिकट के अतिरिक्त इनके खाने पीने और रहने सहने की व्यवस्था करने के साथ इन्हें खर्चे के लिये स्कॉलरशिप भी दी जाती है। इसके के लिये अल अज़हर विश्वविद्यालय ने हर देश के कुछ विशेष मदरसों को मान्यता दे रखी है।
मंज़रे इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ़्ती सलीम बरेलवी ने बताया कि हमारे देश हिन्दुस्तान में भी कुछ ऐसे मदरसे हैं जिन्हें अल अज़हर विश्वविद्यालय की मान्यता प्राप्त है इन्हीं हिन्दुस्तानी मदरसों में आला हज़रत का स्थापित कर्दा जामिया रज़विया मंज़रे इस्लाम सौदागरान बरेली भी है जिसे अल अज़हर विश्वविद्यालय ने बहुत समय पहले से ही मान्यत दे रखी है। दरगाह आला हज़रत के मदरसा मंजरे इस्लाम से दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियाँ के दादा हज़रत जीलानी मियाँ अलैहिर्रहमा के दौरे सज्जादगी में उनके पुत्र ताजुश्शरिया हज़रत अल्लामा मुफ़्ती अख़्तर रज़ा खाँ साहब और हज़रत मौलाना शमीम अज़हरी साहब सबसे पहले गये थे। बीच में यह सिलसिला कुछ रूक गया था तब दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियाँ साहब और सज्जादा नशीन हज़रत मुफ़्ती अहसन मियाँ साहब के प्रयासों से दोबारा 2010 में अल अज़हर की मान्यता मंज़रे इस्लाम को प्राप्त हुई तब से अब तक कई छात्र मंज़रे इस्लाम से उच्च शिक्षा प्राप्त करके अपने मदरसे, दरगाहे आला हज़रत, मरकज़े अहले सुन्नत और अपने देश का नाम रौशन कर चुके हैं। मुफ़्ती सलीम बरेलवी ने यह भी बताया कि अब तक मंज़रे इस्लाम से प्रत्येक वर्ष मात्र दो या तीन छात्र ही चयनित होते थे परंतु इस बार दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियाँ साहब के प्रयासों से पहली बार पाँच छात्र चयनित हुये हैं जिनके वीज़े और टिकट दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियाँ साहब को दिनांक 05 नवम्बर को दिल्ली स्थित मिस्र दूतावास द्वारा उपलब्ध करा दिये गये हैं। यह छात्र 12 नवम्बर को प्रातः 05 बजे इंदिरा गाँधी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट से मिस्र प्रस्थान कर जायेंगे। इसके अलावा गत वर्ष शैक्षिक सत्र 2019-2020 में तीन छात्र चयनित हुये थे जो कोरोना महामारी की वजह से गतवर्ष इनमें से दो छात्र भी इस वर्ष मिस्र जा रहे हैं इस तरह मंज़रे इस्लाम से सात छात्रों को चयनित किये जाने पर दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियाँ साहब ने अल अज़हर विश्वविद्यालय का शुक्रिया अदा किया। कुलपति से दूरभाष पर मुफ़्ती सलीम नूरी ने बात करायी इसके साथ ही मुफ़्ती सलीम नूरी ने अपने मोबाईल से दिल्ली स्थित मिस्र दूतावात में तैनात मिस्र राजदूत जनाब ‘‘वाइल हामिद’’ साहब से भी बात करायी दरगाह प्रमुख ने इनका भी शुक्रिया अदा किया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय मिस्र में शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों के संगठन के अध्यक्ष और हज़रत मौलाना ताज मुहम्मद खान अज़हरी साहब का भी मंज़रे इस्लाम के प्रधानाचार्य हज़रत अल्लामा मुफ़्ती आक़िल साहब ने शुक्रिया अदा किया और फ़रमाया कि इनके प्रयासों से हिन्दुस्तानी छात्रों के इस वर्ष मिस्र जाने का रास्ता साफ़ हुआ। मिस्र जाने वाले छात्रों के नाम हैं मौलाना सय्यद रेहान मुरादाबाद, मौलाना सय्यद अफ़रोज़ मियाँ रामपुर, मौलाना कलीम उर्रहमान ख़ान बरेली, मौलाना हशीम हुसैन बरेली, मौलाना रेहान रज़ा बरेली, मौलाना असद अराफ़ात जम्मू, मौलाना बिलाल रज़ा ख़ाँ पीलीभीत। तहरीके तहफ़्फ़ुज़े सुन्नियत के परवेज़ खाँ नूरी, औरंगज़ेब खाँ नूरी, शाहिद खाँ नूरी, ताहिर अल्वी, हाजी जावेद, अजमल नूरी, शान सुब्हानी, मंज़्ाूर खाँ आदि ने इन पाँचों छात्रों के सम्मान में दरगाह पर एक कार्यक्रम रख कर इन्हें सम्मानित किया। तंज़ीम उल्माये इस्लाम के मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने अपने इस्लामिक रिसर्च सेंटर में भी एक सम्मान कार्यक्रम रख कर इन पाँचों छात्रों को अपनी किताबें देकर सम्मानित किया और ज़्ाुबैर रज़ा खाँ साहब, मिर्ज़ा तौहीद बेग साहब ने इन्हें यह हिदायत दी कि वहाँ जाकर अपने मसलक और अपने देश का नाम रौशन करना है।
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