आंदोलन को कुचलने के लिए ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा अपनायी जा रही दमनकारी नीति से आक्रोशित हुए प्रदेश के 20000 तकनीकी कर्मी - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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आंदोलन को कुचलने के लिए ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा अपनायी जा रही दमनकारी नीति से आक्रोशित हुए प्रदेश के 20000 तकनीकी कर्मी

लखनऊ।समस्त ऊर्जा निगमों के अंतर्गत तैनात टैक्नीशियन (टी.जी.2)कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र कैडर संघ राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन के तानाशाही रवैये व अन्यायपूर्ण नीति के विरोध में पूर्व प्रस्तावित 8 चरणों के प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की नोटिस के अनुसार छठे चरण आंदोलन में समस्त ऊर्जा निगमों के मुख्यालय "शक्ति भवन" लखनऊ के समक्ष शांतिपूर्ण रूप से अनशन कर रहे संघ के केंद्रीय पदाधिकारियों समेत अन्य पदाधिकारियों को शासन/पुलिस प्रशासन के अनुरोध पर 21 नवंबर 2021 तक लगातार होने वाला अनशन/भूख हड़ताल ईको गार्डेन लखनऊ पर ही सम्पन्न किया जा रहा है, जिसका आज लगातार दूसरा दिन था।संघ के केंद्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि ऊर्जा प्रबन्धन अपनी नाकामी को छुपाने के लिए दमकारी नीति पर उतर आया है परंतु प्रदेश के लगभग 20000 तकनीकी साथी इस तानाशाह प्रबन्धन के हथकंडों से डरने वाला बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि इस प्रकार की दमनकारी कृत्यों से प्रदेश का टैक्नीशियन संवर्ग और आक्रोशित हो चुका है। उन्होंने कहा कि पूर्व में संघ द्वारा जारी प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन प्रदेश के यशस्वी ऊर्जा मंत्री पं. श्रीकांत शर्मा के दखल एवं संवर्ग की समस्याओं के शीघ्र समाधान किये जाने सम्बन्धी आश्वासन उपरान्त ही वापिस लिया गया था परंतु ऊर्जा प्रबधन अपनी हठधर्मिता व संवर्ग के प्रति घोर उदासीनता बरत कर लगातार टकराव व औद्योगिक अशांति की स्थिति पैदा की जा रही है।
संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष दीपक चक्रवर्ती ने बताया कि प्रबन्ध निदेशक उप्र पावर कारपोरेशन लि. की अध्यक्षता में ऊर्जा प्रबन्धन व संघ प्रतिनिधि मंडल के मध्य दिनांक 24.08.2019, 03.04.21, 17.08.21 व 25.10.2021 को सम्पन्न द्विपक्षीय वार्ताओं तथा शासन स्तर पर भी 29.07.2021, 12.08.2021, 05.09.2021, 20.10.2021 व 22.10.2021 को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, उत्तर प्रदेश शासन के साथ संघ प्रतिनिधियों की सम्पन्न वार्ताओं के क्रम में आज तक ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा किसी भी समस्या के समाधान की दिशा में कोई परिणामी आदेश जारी न किया जाना प्रबन्धन की मंशा व हठधर्मिता के स्वयं घोतक हैं जो कि कदापि उद्योग व प्रदेश हित मे नहीं है।संघ के दक्षिणांचल अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा लगातार अपने तकनीकी कर्मियों की जायज मांगों/ समस्याओं यथा ग्रेड-पे विसंगति, आमेलन, बिना अतार्किक सेवा बाध्यता के प्रोन्नति, एक अग्रिम इंक्रीमेंट, पट्रोल भत्ता व उत्पादन निगम में प्रोन्नति कोटा  समेत अन्य जायज मांगों की जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आंदोलन के कारण आम उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति सुचारू रूप से होती रहे इसलिए अभी विरोध प्रदर्शन में विद्युत उपकेंद्रों की परिचालन व्यवस्था हेतु तैनात तकनीकी कर्मियों को इस छठवें चरण आंदोलन कार्यक्रम से मुक्त रखा गया है।  संघ के केंद्रीय महासचिव मो.वसीम ने बताया कि जिस प्रकार शांतिपूर्ण रूप से अपनी मूलभूत समस्याओं व जायज मांगों के लिये आंदोलन कर रहे तकनीकी कर्मियों के विरुद्ध ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा दमनकारी नीति के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जा रही हैं व संघ के आंदोलन को कुचनले के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं, वह निश्चित ही निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। ऊर्जा प्रबन्धन के इस रवैये के कारण न केवल ऊर्जा विभाग अपितु कहीं न कहीं कर्मचारी हित के प्रति दृण संकल्पित प्रदेश की वर्तमान सरकार की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि संघ सदैव शांतिपूर्ण रूप से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से संवर्ग की जायज मांगों/ समस्याओं का निवारण चाहता है परंतु प्रबंधन द्वारा पूर्व में जारी विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं उपरांत उनके द्वारा कार्यवृतों का क्रियान्वयन किये जाने की बजाय साल भर से परीक्षण के नाम पर जान-बूझ कर खानापूर्ति करते हुए संघ के ऊपर आंदोलन थोपा जा रहा है और अब तो प्रबन्धन पूरी तरह से दमकारी नीति पर भी उतर आया है, जिससे  उसकी नाकामी छुपने वाली नहीं है।  साथ ही आज यह भी तय हुआ है कि ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा मांगो पर गंभीरतापूर्वक विचार कर परिणामी आदेश न जारी किये जाने पर दिनांक को प्रदेश के सभी ज़िलों में 48 घण्टे का अनवरत क्रमिक अनशन एवं से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन/भूख हड़ताल शक्तिभवन मुख्यालय, लखनऊ पर प्रारम्भ कर दिया जायेगा जिसमे विद्युत उपकेंद्रों की परिचालन व्यवस्था में तैनात टैक्नीशियन कर्मियों/संघ सदस्यों को भी शामिल किए जाने पर विचार किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाली किसी भी विषम परिस्थितियों का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व भी ऊर्जा प्रबन्धन का ही होगाआज शान्तिपूर्ण अनशन कार्यक्रम के दौरान संघ के केन्द्रीय संरक्षक डी.के.मिश्र, केंद्रीय अध्यक्ष बृजेश कुमार त्रिपाठी, केंद्रीय महासचिव मो.वसीम,समेत दक्षिणांचल परिक्षेत्र के अंतर्गत पदाधिकारी-गण व दर्ज़नो की संख्या में तकनीकी कर्मचारी सम्मिलित रहे जिसमें मुख्य रूप से विजय कुमार बंधु, मनोज पाण्डेय, रामेन्द्र श्रीवास्तव, नीरज तिवारी, कुमुद वाजपेयी, विनोद कुशावहा, रमाकांत, शशांक, कुलवंत, मानवेन्द्र, मदनमोहन, सुर्जन सिंह, मनोज, रितेश राजपूत, निर्भय सिंह आदि मौजूद रहे।

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