शासन की संवेदनहीनता से अरुण वाल्मीकि की हुयी मौत: अजय वाल्मीकि
लखनऊ। आगरा में अरुण वाल्मीकि की मौत पुलिस की हिरासत हो गयी जिससे वाल्मीकि समाज में रोष व्याप्त है राजधानी लखनऊ के केकेसी स्थिति समाजवादी पार्टी के कैम्प कार्यालय पर अजय वाल्मीकि ने रोष व्यक्त करते हुये कहा कि आज दलित की कोई सुनने वाला नही है जिस तरह अरुण वाल्मीकि की मौत पुलिस कस्टडी में हुयी है उससे यह साफ दिखता है भापजा सरकार सिर्फ बड़ी-बड़ी गाड़ियों में चलने वाले लोगों की सरकार है अरुण वाल्मीकि के मौत के पीछे कई सवाल खडे होते हैं जैसे क्या अरुण पुलिस से ज्यादा शातिर था क्योंकि उसे कैसे पता चला कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी चाय पीने कब जायेगा, दूसरा यह कि एक झाडू लगाने वाला अगर इतना शातिर था तो चोरी करने के बाद पैसे घर पर क्यों रखा और बात यही नही खत्म होती पुलिस के मुखबिरी के बिना कोई इतनी बड़ी घटना को अंजाम कैसे दे सकता है क्योंकि बगैर मुखबिरी के थाने जैसी जगह पर कुछ भी संभव नही हैं। सरकार अरुण वाल्मीकि के परिजनों को डेढ़ करोड़ रुपये राहत दी जाये और सुरक्षा प्रदान की जाये।
साथ ही मौजूद अरविंद कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस सरकार में अपराध सर चढ़कर बोल रहा है क्योंकि सिर्फ पुलिस की कस्टडी में अरुण वाल्मीकि को ही मौत के घाट नही उतारा जाता बल्कि कानून व्यवस्था की भी बलि चढ़ाया जाता है। मौजूदा सरकार में जिस तरह कानून व्यवस्था को धराश्याही किया गया है उससे प्रदेश की जनता का कानून व्यवस्था विश्वास उठता ही जा रहा है क्योंकि आये दिन होती हत्याओं और अत्याचार से जनता निजात पाना चाहती है और इस सरकार को अगामी विधान सभा चुनाव में प्रदेश की जनता उखाड़कर फेंकने जा रही है और प्रचंड बहुमत से समाजवादी सरकार बनने जा रही है।
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