जर्जर सूचना कार्यालय कभी भी हो सकता है़ जमींदोज SKN
सन्त कबीर नगर - जीर्ण - शीर्ण हो चुका सूचना कार्यालय कब जमींदोज हो जाय कुछ कहा नही जा सकता । कार्यालयीन कार्य कर रहे सूचना अधिकारी सहित बाबू , कंप्यूटर आपरेटर , चपरासी , फोटो ग्राफर व आने - जाने वाले पत्रकार आदि की जिन्दगी कब आखिरी सांस की गवाह बन जाय इसे वक्त के सिवा कोई नही बता सकता । लेकिन अभी तक उस प्रशासन का कोई ध्यान इस तरफ नही गया है़ जिसके लिए यह कार्यालय और उसके लोग तत्पर होकर जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहते है़ । इस वर्षाऋतु मे खलीलाबाद की चमचमाती शहरी सड़को के बदहाल हालत को भला कौन भूला सकता है़ जो जिम्मेदारो की उदासीनता का खामियाजा अन्य लोगो के साथ स्वयं भुगता हो । दुकानो - मकानो मे घुसा जलजमाव का पानी जहां एक तरफ आर्थिक क्षति सहित पहुंचाने का काम किया वही खुशहाल जिन्दगी को जीना दुश्वार कर दिया । ऐसे वक्त की गवाह बनी दीवाल व छत से कमजोर सूचना कार्यालय कब जमींदोज हो जाय कुछ कहा नही जा सकता उल्लेखनीय है़ कि पुरानी तहसील स्थित सूचना कार्यालय की स्थिति बेहद खराब है़ दीवाल से लेकर छत काफी कमजोर हो गया है़ बरसात को झेलना इसके लिए वैसे ही है़ जैसे नदी मे डूब रहे के लिए तिनका का सहारा जिसे उम्मीद तो होती है़ पर उसे बच निकलने की गुंजाइश भी नही होती है़ ऐसे ही सूचना कार्यालय का हाल है़ जो कार्यालय बनकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर तो रहा है़ लेकिन यह जिम्मेदारी किसी उस सरहदी मोर्चे से कम नही है़ जहां की बेनाम गोली शरीर को कभी भी छलनी कर सकती है़
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