वर्ल्ड सेप्सिस दिवस पर फार्मासिस्टों को जागरूक रहने की सलाह दी गई - सुनील यादव - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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वर्ल्ड सेप्सिस दिवस पर फार्मासिस्टों को जागरूक रहने की सलाह दी गई - सुनील यादव

 


लखनऊ,प्रतिरक्षा प्रणाली: सेप्सिस के खिलाफ लड़ाई में दोधारी तलवार है" , वास्तव में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर ऐसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से उबरा जा सकता है । सेप्सिस के बारे में जानकारी हर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को होनी चाहिए ।

जिसमें फार्मासिस्टों का भी महत्वपूर्ण योगदान है ।

जीवाणु रोधी औषधियों का गलत प्रयोग होने से रोगों के प्रति जो प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो रही है वह इसके प्रमुख कारणों में से एक होती जा रही है । फार्मासिस्ट जनता का एक अच्छा काउंसलर है इसलिए सेप्सिस के बारे में जागरूकता रखने के लिए प्रत्येक फार्मासिस्ट को स्वयं जागरूक और एक्टिव होना चाहिए । 

स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन और फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि आज पूरे विश्व में विश्व सेप्टिक दिवस मनाया जा रहा है जिसमें सेप्टिक के बारे में जानकारियां देते हुए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।

सेप्सिस या सेप्टिसीमिया ब्लड इंफेक्शन को कहते हैं। सेप्सिस एक खतरनाक बीमारी है, जो कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती  है।  जब किसी संक्रमण के कण व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो सेप्सिस होती है । इसमें शरीर के ऊतकों को काफी नुकसान पहुंचता है। यह स्थिति इतनी गंभीर है कि इससे विभिन्न अंगों के खराब होने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। यह खतरनाक बीमारी किसी को भी हो सकती है। लेकिन आंकड़ों के अनुसार यह बीमारी बुजुर्ग और कम उम्र के लोगों को अधिक प्रभावित करती है।

सेप्सिस एक आपात स्थिति है, जागरूकता की कमी होने की वजह से लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं और समय रहते इसके लिए उपचार नहीं ले पाते हैं।  इसलिए कई बार उन्हें गंभीर स्थितियों का शिकार होना पड़ता है। यह जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में सेप्सिस रोग को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य के साथ हर साल 13 सितंबर को विश्व सेप्सिस दिवस (World Sepsis Day 2023) मनाया जाता है ।

आज फार्मासिस्ट फेडरेशन ने सभी फार्मेसिस्ट साथियों से अपील किया है कि किसी भी इन्फेक्शन की दशा में जल्द से जल्द इन्फेक्शन को पहचाना अर्थात उसका निदान करना और पूरी तरह उसे ठीक करना आवश्यक है जिसमें कम्युनिटी फार्मासिस्ट, क्लिनिकल फार्मासिस्ट और हॉस्पिटल फार्मासिस्ट का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है ।

फेडरेशन लगातार फार्मासिस्टों की योग्यता को अपडेट करने का प्रयास कर रहा है अनेक ट्रेनिंग कराई जा रही है ।फेडरेशन प्रयासरत है कि 2030 तक इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या से निजात पाया जा सके।


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