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अच्छी फिटनेस के बाद भी व्यक्ति को कैसे आ सकता है स्ट्रोक



Dr. B.P. Yadav

अच्छी फिटनेस के बाद भी व्यक्ति को कैसे आ सकता है स्ट्रोक
पिछले कुछ सालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण कई लोगों की मौत हुई है। डॉक्टर्स भी अक्सर हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए फिट रहने की सलाह देते हैं। कोविड-19 के बाद से लोग भी फिट रहने के लिए शारीरिक गतिविधियों को लेकर ज्यादा एक्टिव हो गए है। इतना ही नहीं अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ भी शामिल करते हैं। लेकिन इसके बाद भी कई लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।


फिट लोगों में स्ट्रोक का क्या कारण है?

डिहाइड्रेशन के कारण भी एक फिट व्यक्ति को स्ट्रोक आ सकता है। दरअसल डिहाइड्रेशन ब्लड वेसल्स में एंडोथेलियल कार्यों में बाधा डाल सकती है, जिसके कारण ब्लड फ्लो में समस्या हो सकती है और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक आ सकता है।

अपने ऑफिस के काम या फिर फिट रहने के लिए वर्कआउट रूटीन के कारण बहुत ज्यादा थके हुए हो सकते हैं।

नींद पूरी न होना भी स्ट्रोक का कारण बन सकता है। नींद न आने के कारण ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी बीमारियां बढ़ सकती हैं।

अधिक शराब की सेवन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है, यह भी फिट लोगों में हो सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) यह एक मुख्य स्ट्रोक कारण है, और फिट लोगों में भी हो सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल
अधिक कोलेस्ट्रॉल स्तर स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है, और यह फिट लोगों में भी हो सकता है।

धमनी संकुचन (आर्टेरियोस्क्लेरोसिस)
अधिक धमनी संकुचन स्ट्रोक का कारण बन सकता है, और यह फिट लोगों में भी हो सकता है।

👉 स्ट्रोक रोकने के लिए क्या करें?

👉 तनाव का स्तर कम करें

अगर आपको हार्ट रिलेटेड समस्या है तो सीमित मात्रा में व्यायाम करें और ज्यादा शारीरिक गतिविधियां करने से बचें

अपने शरीर की नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं

स्मोकिंग या शराब के सेवन से बचें

पर्याप्त मात्रा में नींद लेने की कोशिश करें

पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पादर्थ का सेवन करें

हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

स्वस्थ रहे अच्छे रहे खुश रहे..

हार्ट ब्लॉकेज है तो आजमाएं ये 7 आयुर्वेदिक औषधियाँ...

👉 अर्जुन

अर्जुन वृक्ष की छाल हार्ट से जुड़ी बीमारियों जैसे कि हाइ कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, आर्टरी में ब्लोकेज और कोरोनरी आर्टरी डीजीज के इलाज में यह कारगर है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियमित रखता है और दिल को मजबूत करता है। बेकार कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में इस औषधि का इस्तेमाल होता है। आयुर्वेद के अनुसार इसका इस्तेमाल हार्ट ब्लोकेज में किया जा सकता है। इसकी छाल में प्राकृतिक ओक्सिडाइजिंग तत्व होते हैं।

👉 दालचीनी

हार्ट ब्लोकेज में काम आने वाली यह एक बढ़िया औषधि है। यह बेकार कोलेस्ट्रॉल को शरीर से कम करती है और हार्ट को मजबूती प्रदान करती है, इसमें भी ओक्सिडाइजिंग तत्व होते हैं। इसके नियमित इस्तेमाल से सांस की तकलीफ दूर होती ही और दिल की बीमारियाँ कम होती हैं।

👉 अलसी के बीज

फ्लक्स सीड्स यानि कि अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अधिकता होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से ए एम ए कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है।

👉 लहसुन

लहसुन में विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का गुण होता है, जिससे यह हार्ट को सुरक्षा प्रदान करता है। लहसुन के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है।

👉 इलायची

इलायची को यूही “मसालों की रानी” नहीं कहा जाता है, यह हर डिश का स्वाद बढ़ा सकती है। इसका स्वाद और सुगंध आपको एक खास अहसास करवाता है। आयुर्वेद में इसे दिल के इलाज में कम आने वाली औषधि बताया गया है।

👉 लाल मिर्च

खाने में काम आने के अलावा लाल मिर्च के स्वास्थ्य से संबन्धित भी कई फायदे हैं। इसकी सही मात्रा के इस्तेमाल से रुधिर कोशिकाओं से गंदगी हटती है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।यह औषधि भी दिल की बीमारियों के इलाज में कारगर सिद्ध है। इस प्राकृतिक औषधि में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इन्फ़्लामेट्री, एंटी-ट्यूमर, हेमोपोइथिक और रिजुवनेशन तत्व होते हैं। यह तनाव को दूर करने में मददगार है। इससे दिल को कोशिकाओं को मजबूती मिलती है और दिल की बीमारियाँ दूर रहती है ।

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