समाजवादी सरकार में ही विश्वकर्मा समाज का हित संभव :राम आसरे विश्वकर्मा - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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समाजवादी सरकार में ही विश्वकर्मा समाज का हित संभव :राम आसरे विश्वकर्मा

 


जनपद मुजफ्फरनगर के सिकरेडा गांव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विश्वकर्मा समाज की महापंचायत में जुटे हजारों विश्वकर्मा समाज के लोग। विशेषकर नौजवानों की संख्या और उत्साह देखते ही बना। महापंचायत में विश्वकर्मा समाज को एकजुट करने और समाज की लड़ाई को मजबूती से लडने का लिया गया निर्णय।

 

मुख्य अतिथि सपा के राष्ट्रीय सचिव पूर्वमन्त्री राम आसरे विश्वकर्मा ने  विश्वकर्मा समाज की सरकार में हिस्सेदारी देने की बात उठाई। कहा जब तक समाज के विधायक मन्त्री नहीं बनगे तब तक समाज की तरक्की नहीं हो सकती। हम सपा सरकार  में दो बार मन्त्री और दो बार विधायक रहे। समाज के विकास के लिये योजनाएं चलाई। सरकार में रहते हुए विश्वकर्मा चौक विश्वकर्मा पुस्तकालय विश्वकर्मा द्वार विश्वकर्मा रैन बसेरा विश्वकर्मा घाट विश्वकर्मा महाविद्यालय बनवाये। विश्वकर्मा पूजा की सरकारी छुट्टी घोषित करके विश्वकर्मा समाज की पहचान बनाये। नौजवानों को नौकरी और रोजगार दिया। लोहे लकड़ी के कारोबार को सरकार की मदद से तरक्की दी। विश्वकर्मा समाज को हर प्रकार से  मजबूती दिया।


यही कारण है कि विश्वकर्मा समाज अब बोलने लगा। आपकी संख्या देखकर दिल्ली के लोग भी आपकी चर्चा करने लगे। श्री विश्वकर्मा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विश्वकर्मा पांचाल धीमान जांगिड़ सभी को एकजुट होकर समाज की लड़ाई लड़ने की बात कही।

            

17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती के दिन प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा कौशल विकास योजना नाम से एक योजना का आरम्भ किया जिसमें विश्वकर्मा समाज को अपना काम करने के लिये लोन तथा टूल किट्स देने की योजना है। इस योजना में 13000 करोड बजट भी एलाट किया गया है।                                

  

विश्वकर्मा स्कीम में लाभ पाने वालों में विश्वकर्मा लोहार बढ़ई सोनार कुम्हार शिल्पी नाई मोची दर्जी धोबी सहित 15 जातियां शामिल हैं।                         


आज के डिजिटल युग में पिछड़ी जाति के नौजवान विश्वकर्मा समाज के नौजवान शिक्षा नौकरी रोजगार चाहते है। भाजपा सरकार उनके हाथ में टूल किट्स देकर उन्हें मजदूर बनाना चाहती है। बेहतर होता टूल्स किट्स की जगह हमारे नौजवानों को कम्प्यूटर दे देते तो समाज को तरक्की करने का रास्ता मिलता।


सपा सरकार में श्री अखिलेश यादव जी ने 18 लाख इण्टर पास छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप दिया था। वहीं लैपटाप उनके रोजगार का साधन बना तथा सभी लोग डिजिटल इंडिया से जुड़ गये।


यदि सपा सरकार नौजवानों को लैपटॉप दे सकती है तो भाजपा सरकार इन्हें लैपटॉप क्यों नहीं दे सकती।                     


अति पिछड़ी जाति के नौजवान अब आईएएस आईपीएस जज बनना चाहते है और बड़ी नौकरियों में जाना जाना चाहते है। भाजपा सरकार उन्हें मजदूर बनाना चाहती है। हमारे लोग इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। 


जातीय जनगणना से ही हमारे विश्वकर्मा समाज के लोगों की जनसंख्या का वास्तविक पता लगेगा और जनसंख्या के अनुसार विश्वकर्मा लोगों को अधिकार और हिस्सेदारी दी जा सकेंगी। समाजवादी पार्टी बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में पिछड़ों की जातिगत जनगणना कराना चाहती है और भाजपा उसका विरोध कर रही है।

             

समाजवादी नीतियों पर ही चलकर नाई समाज में गरीब परिवार में जन्मे कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। समाजवादी नीति पर चलकर राम आसरे विश्वकर्मा सपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री बने थे। समाजवादी नीति ही हमें सरकार में ले जा सकती है और सरकार में हमें हिस्सेदारी दे सकती है। भाजपा नीति पिछड़ों को कुछ नहीं देने की नहीं सिर्फ गुलाम बनाने की है।                           


महापंचायत की अध्यक्षता माननीय इन्द्रजीत सिंह  बब्बू तथा संचालन आशुतोष विश्वकर्मा ने किया। कार्यक्रम के आयोजक सुभाष धीमान व आशुतोष धीमान थे। पंचायत को इं0 विजेश शर्मा सहारनपुर राम अवतार विश्वकर्मा गाजीपुर देशपाल पांचाल मुजफ्फरनगर राजू पांचाल मुज़फ्फरनगर अनिल विश्वकर्मा बिजनौर महिपाल विश्वकर्मा अमरोहा जय प्रकाश फौजी  अलीगढ़ जगदीश शर्मा फौजी बरेली नरेश विश्वकर्मा देवेश शर्मा बिजनौर सुखपाल शर्मा बरेली डा० कैलाश विश्वकर्मा बिजनौर इटावा सुमित विश्वकर्मा औरैया भानू विश्वकर्मा इं० संजीव शर्मा सम्भल भाजपा नेता महेंद्र विश्वकर्मा बबीता धीमान गाजियाबाद इन्द्रदेव शर्मा रामपाल विश्वकर्मा नोएडा अनिल शर्मा नोएडा दिवाकर विश्वकर्मा दिल्ली राजेन्द्र शर्मा गाजियाबाद दिनेश धीमान शामली ने सम्बोधित किया। पंचायत का समापन मौनी बाबा हरिद्वार ने किया।

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