भ्रष्टाचार के विरुद्ध 850 दिनों से प्रचलित सत्याग्रह संकल्प के सत्याग्रहियों का बढ़ता कारवां
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश सरकार के अंग का भ्रष्टाचार आभूषण बन चुका है,यही कारण है कि सीएम सिटी गोरखपुर के लोक निर्माण विभाग में कैग रिपोर्ट आधारित लगभग अरबों रुपए के कारित गंभीर वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध में संलिप्त भ्रष्ट अभियंताओं व शासकीय तंत्र में बैठे भ्रष्ट लोक सेवकों के विरुद्ध कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से विफल है। जिसका जीता जागता उदाहरण है कि सीएम सिटी गोरखपुर में मानवाधिकार व भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्य करने की एकमात्र संगठन तीसरी आंख मानव अधिकार संगठन द्वारा विगत 850 दिनों से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पद चिन्हों पर चलते हुए अहिंसात्मक सत्याग्रह संकल्प करने पर प्रतिबध्द है। उत्तर प्रदेश सरकार ना तो सत्याग्रहियों को सत्याग्रह के मांगों को स्वीकार करते हुए समस्या का समाधान कर पा रही है और ना ही भ्रष्ट अभियंताओं के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करने में सफल हो पा रही है। उपरोक्त कार्यशैली स्पष्ट रूप से प्रमाणित कर रही है कि भ्रष्ट अभियंताओं के कारित भ्रष्टाचार को उत्तर प्रदेश सरकार अंग आभूषण के रूप में धारण कर चुकी है। अब यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि क्या सत्याग्रह संकल्प राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सफल अहिंसात्मक आंदोलनों के अनुरूप सफल होगा? या भ्रष्टाचारियों के भ्रष्टाचार का व्यापार निरंतर प्रचलित रहेगा? या अहिंसात्मक आंदोलनों का स्वरूप विलुप्त होगा? बड़े खेद के साथ यह भी कहना पड़ रहा है कि सत्याग्रहियों द्वारा शासकीय प्रशासकीय उदासीनता के परिणाम स्वरूप विगत माह संगठन द्वारा प्रकरण न्यायालयों के संज्ञान में दिए जाने के उपरांत न्यायिक निर्णय की आस में वर्तमान समय तक सत्याग्रह संकल्प करने को विवश हैं। ऐसा लगता है कि शासकीय तंत्र में बैठे भ्रष्टाचारियों द्वारा संपूर्ण लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को दीमक का शिकार बना दिया गया है अन्यथा सीएम सिटी गोरखपुर में भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रचलित सत्याग्रह संकल्प का यह हश्र न होता।
Post a Comment