ऑपरेशन विजय राष्ट्रीय महासचिव के हस्तक्षेप से दर्ज हुई FIR के बाद आभार व्यक्त करने कार्यालय पहुंचा मिश्रा परिवार
कानपुर नगर गैर राजनीतिक, देशव्यापी देश के कई महामहिमों एवं वरिष्ठ माननीयों द्वारा सरहनीय ऑपरेशन-विजय बुराइयों के खिलाफ जंग ने जहां एक तरफ सर्व समाज के पीड़ित एवं न्याय से वंचितों को निशुल्क न्याय दिलाने का फैसला किया है, वही समाज के सम्मानित एवं ऑपरेशन विजय योद्धाओं के रूप में समाज से सामाजिक बुराइयों को मिटाने एवं पीड़ित व न्याय से वंचितों को निशुल्क न्याय दिलाने की प्रक्रिया में कार्य कर रहे लोगों के सम्मान, स्वाभिमान व सुरक्षा हेतु ऑपरेशन विजय योद्धा सुरक्षा कवच गठित किया है।
जिसके तहत ऑपरेशन विजय कार्यालय में कानपुर नगर के पनकी क्षेत्र में रहने वाले मिश्रा परिवार जिन्होंने अपनी बेटी कंचन मिश्रा की शादी कानपुर देहात पुखरायां थाने के अंतर्गत की थी, जिसे ससुराल पक्ष के लोगों द्वारा लड़के की चाहत में लगातार मारपीट एवं प्रताड़ित कर घर से बाहर निकाल दिया गया था, जो न्याय पाने के लिए काफी लंबे समय से दर-दर भटक रही थी। जिसने अंत में ऑपरेशन विजय कार्यालय पहुंच ऑपरेशन विजय राष्ट्रीय महासचिव एडवोकेट हाई कोर्ट बीके सिंह से गुहार लगाते हुए लिखा कि
कि मेरी शादी श्री अनुज मिश्रा के साथ 2015 में हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही मेरे पति अनुज मिश्रा , ससुर प्रमोद मिश्रा, सास श्रीमती कांति मिश्रा मेरे ऊपर लड़का पैदा करने का दबाव एवं दहेज में कम सामान व् पैसा लाने की बात कहकर मारपीट करने लगे। मैं गरीब परिवार की होने की वजह से उनके अत्याचार लगातार सहती रही, इनके दबाव में शादी के एक वर्ष पश्चात मैंने एक पुत्री को जन्म दिया जिस पर उन लोगों ने मुझे फिर मारा पीटा और यह कहा कि अगर लड़का नहीं होगा, तो तुम्हें जान से मार देंगे या छोड़ देंगे जैसा कि यह पहले भी एक शादी करके लड़का न होने पर अपनी पहली पत्नी को छोड़ चुके हैं, जिसकी जानकारी शादी के समय हमारे माता पिता को नहीं थीI
कुछ दिन बाद मुझे दूसरी पुत्री की प्राप्ति हुई जिस पर मेरे पति और उनके माता-पिता ने मुझे कई बार सार्वजनिक स्थल पर गंदी गंदी गालियां देकर व मारपीट कर मुझे अपमानित किया। इसके बाद से लगातार यह सभी लोग मुझे लड़का ना होने के नाम पर डराकर एवं लड़कियों के खर्च उठाने के लिए मां-बाप से पैसा मांगने हेतु बार-बार मारते पीटते एवं मानसिक प्रताड़ना देते हैं। उक्त सभी लोगों द्वारा पुत्र प्राप्ति के दबाव में मेरे पति ने मुझे जबरदस्ती मेरी इच्छा के विपरीत तीसरी बार गर्भवती किया। जिसकी वजह से मैं इस समय दो माह से गर्भवती हू। दिनांक 22 अगस्त 2023 दिन मंगलवार को तीनों लोगों ने पुनः मुझे लड़का ना होने पर जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि अपनी दो बेटियों को पालन पोषण हेतु अपने मां-बाप से पैसा मांगो जब मैंने इसके लिए मना किया तो तीनों लोगों ने मिलकर मुझे बहुत मारा व गला दबाया, जिससे मैं बेहोस हो गई। होश में आने पर अपनी जान बचाने हेतु मैंने पूरी बात अपने पिताजी को बताई तो मेरे माता-पिता मुझे लेने मेरे ससुराल दिनांक- 26 अगस्त 2023 पहुंचे तो मेरे पति एवं उनके माता-पिता ने दोबारा मेरी मां एवं पिता के सामने मुझे मारा, जब इन्होंने रोकने का प्रयास किया तो मेरे माता-पिता को भी मारने लगे तो मैंने 1090 पर अपने पति अनुज मिश्रा के मोबाइल से फोन किया जिसपर मेरे पति ने मुझसे फ़ोन छीन लिया और मैं और मेरे माता पिता अपनी जान बचाकर वहां से कानपूर अपने घर आ गए और 28 अगस्त 2023 को पनकी थाने पर मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे जहाँ पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसे ऑपरेशन विजय के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव बीके सिंह एडवोकेट हाई कोर्ट इलाहाबाद ने गंभीरता से लेते हुए कानपुर देहात अकबरपुर के पुलिस क्षेत्राधिकार महोदय को न सिर्फ पत्र लिखा, बल्कि फोन से बात कर, पीड़ित परिवार की तहरीर पर आरोपियों पर मुकदमा दर्ज करवाकर सख्त कार्रवाई करवाने हेतु आग्रह किया, जिस पर दिनांक- 8 सितंबर 2023 को कानपुर देहात के महिला थाने में आरोपियों पर FIR संख्या- 0020, धारा- 498 ए, 323, 504 व 506 के तहत एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद पीड़ित परिवार ऑपरेशन विजय पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करने ऑपरेशन विजय के मुख्य कार्यालय इस्पात नगर कानपुर नगर पहुंचा, जहां ऑपरेशन विजय के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवमंगल सिंह आईपी ने उन्हें हर संभव न्याय दिलाने का आश्वासन देते हुए उपरोक्त जानकारी मीडिया को दी।
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