आखिर कब तक बेखबर रहेंगे भ्रष्ट मुख्य अभियंता के संरक्षण दाता- शैलेंद्र मिश्र
सेराज अहमद कुरैशी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश लोकतांत्रिक व्यवस्था में बैठे शासकीय, प्रशासकीय तंत्र भ्रष्ट अभियंताओं के सामने घुटने टेकने को किस कदर बेबस हैं इसका सहज अंदाजा तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा वर्ष 2021 से कैग रिपोर्ट आधारित कारित भ्रष्टाचार के विरुद्ध 792 दिनों से मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग कार्यालय गोरखपुर पर प्रचलित सत्याग्रह संकल्प के सत्याग्रहियों को विगत 22 दिनों से कार्यालय कार्य दिवस में मुख्य अभियंता कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर सत्याग्रहियों को बेदखलकर सार्वजनिक मार्ग पर सत्याग्रह करने को विवश किये जाने के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने में लाचार कार्यशैली से किया जा सकता है। ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचारियों के भ्रष्टाचार में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का स्वरूप विलुप्त हो गया है।
उपरोक्त पर शासकीय तंत्र की अबतक की खामोशी यह सोचने को विवश करती है कि ऐसे गैर संवैधानिक कार्य प्रवृत्ति पर खामोश क्यों है?
कहीं अभियंताओं के अरबों रुपए कारित भ्रष्टाचार में बराबर की सहभागिता तो नहीं है?
कहीं ऐसा तो नही शासकीय तंत्र संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुरूप प्रदत अधिकारों को विलुप्त कर भ्रष्टाचार को व्यवहारिक स्वरूप दिए जाने का षड्यंत्र किया जा रहा है?
ये सभी अनुत्तरित सवाल सत्याग्रहियों के सब्र के पैमाने को ध्वस्त कर माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका प्रस्तुत करने के लिए बाध्य कर रही है जिसके परिणाम गंभीर होंगे।
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