विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर होगी चर्चा, वार्ता के दौरान बताया
कानपुर, एशियाई इंस्टिट्यूट ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी हैदराबाद) के चेयरमैन है। इस कॉन्फ्रेंस में देश के २० प्रशिखती गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट लिवर, पैंक्रियास, गल्ल बॉल्डर की बीमारियों पर विचार रखेगे
डॉ. विनय धीर (चेयरमैन इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव एंड लाइव केयर एस एल रहेजा हॉस्पिटल मुंबई) से है वो ईयूएस (EUS) निर्देशित पित्त जल निकासी वर्तमान स्थिति और अपने किए गए स्वयं अनुभव पर अपने विचार रखेगे डॉ मोहन रामचंदानी (इंटरवेंशनल एंडोस्कोपी के निदेशक विभाग एआईजी अस्पताल हैदराबाद) वो कोलेजनोस्कोपी (Cholangioscopy) क्यों और कब क्यों और कब जरूरी है पर बात चीत करेंगे । Liver के बीमारियों पर विचार करेगे डॉ सौरभ मुकेवर (कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटेरॉलजिस्ट मिडास हॉस्पिटल नागपुर) वैरिकाज़ जीआई ब्लीड (पेट की नसों की सूजन) का प्रबंधन करेगे । Liver की बीमारियों में एल्ब्यूमिन की भूमिका का प्रबंधन करेगी डॉ. राखी मैवल (एसो प्रो हेपेटोलॉजी विभाग आईएलबीएस नई दिल्ली), डॉ. योगेश हरवानी (कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी नोबल गैस्ट्रो हॉस्पिटल अहमदाबाद) फैटी लीवर के संभाविति बीमारियों का प्रबंधन, हेपेटाइटिस बी डॉ. अनिल अरोड़ा (विभागाध्यक्ष गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर गंगा राम अस्पताल नई दिल्ली) वा हेपेटाइटिस सी डॉ. समीर मोहिंदर (प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एसजीपीजीआई लखनऊ) का प्रबंधन करेगे तथा डॉ. वी.के. दीक्षित (गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) टी बी दवाओ से लीवर पर होने वाले नुक्सान के बार में बताएंगे।
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