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विरोध जताकर मंडलायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा

 


बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सत्र 2022-23 मे अलाभित वर्ग/दुर्बल समूह के बच्चो का प्रवेश लेने से इन्कार

कानपुर,मण्डलायुक्त कानपुर नगर को निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सत्र 2022-23 मे अलाभित वर्ग/दुर्बल समूह के बच्चो का प्रवेश लेने से इन्कार करने के बाद भी निजी विधालयो की मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाही न करने के सम्बन्ध मे स्वंत्रता सग्राम सेनानी आश्रित संगठन ने मण्डलायुक्त डा0 राज शेखर को उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री  योगी आदित्यनाथ व अपर मुख्यसचिव बेसिक शिक्षा के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन सौपा।अध्यक्ष रवि शुक्ला ने बताया कि कानपुर नगर मे सत्र 2022-23 मे आर0टी0ई के तहत निजी विधालयो का कक्षाओ के सीटो का 25प्रतिशत तक 3 वर्ष से 7 वर्ष के बच्चो का प्रवेश विभाागीय लाटरी के चयन के उपरान्त आयु के हिसाब से प्रीमाइमरी व कक्षा-1 मे प्रव्रेश लेना होता है प्रवेश की जिम्मेदारी खण्ड शिक्षा अधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की होती है 

आरटीई के नियम के तहत उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक स्तर से व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कानपुर स्तर से एक सर्कुलर जारी किया गया कि स्कूल वाले चयनित छात्र/छात्राओ का सत्यापन अपने स्तर से करते है जिसे रोका जाये और उनके विरूद्व आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाही की जाये साथ मे चयनित बच्चो के धरो का सत्यापन उनकी निजता का हनन भी माना साथ मे यह भी कहा कि अगर किसी बच्चे के प्रपत्र मे सदंेह है तो पहले चयनित बच्चे का प्रवेश लेगे फिर उसके उपरान्त विभाग के माध्यम से सत्यापन या जॉच करवा सकते है। लेकिन स्कूल वाले विभाग के द्वारा चयनित बच्चो का प्रवेश नही ले रहे है यहॉ तक कि कोई स्पष्ट्र कारण भी नही बता रहे है अगर बता रहे है तो कह रहे है जो प्रमाण पत्र लगाये है जी स्कूल वाले जब मान्यता लेते है तो एक शपथ पत्र देते हेै कि मै सरकार के सभी नियम मानने को बाध्य होगा नही तो मेरी स्कूल की मान्यता निरस्त कर दी जाये उसके उपरान्त भी अगस्त खत्म हो गया है और जॉच भी कई प्राइवेट स्कूल वाले आरटीई मे चयनित बच्चो का प्रवेश नही लिया और प्रशासन स्तार से उन स्कूलो पर मान्यता प्रत्याहरण की कोई कार्रवाही भी अब तक सुनिश्चत नही हुयी सिर्फ प्रवेश कराने को लेकर ड्रामाबाजी हो रही है


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