शिशु को स्तनपान के माध्यम से कुपोषण के खतरे से बचाया जा सकता है - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

Header Ads

शिशु को स्तनपान के माध्यम से कुपोषण के खतरे से बचाया जा सकता है

 


कानपुर,भारतीय बाल रोग अकादमी कानपुर शाखा 1 अगस्त, 2022 से 07 अगस्त, 2022 तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन कर रही है जिसके अन्तर्गत स्तनपान के महत्व को प्रतिपादित करते हुये कानपुर शहर के विभिन्न वर्गों में जागरूक हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का शहर के हर क्षेत्र में आयोजन किया जायेगा। पत्रकार वार्ता  वैष्णवी मदर एण्ड चाइल्ड केयर हास्पिटल, रतन लाल नगर में हुई। इस अवसर पर संयोजिका डॉ० सविता रस्तोगी, डॉ० प्रभात तिवारी, सचिव डॉ० सुबोध बाजपेई, डॉ० आशीष श्रीवास्तव, डॉ० शाइनी सेठी, डॉ० अर्चना बाजपेयी आदि उपस्थित थे।संयोजिका डॉ० सविता रस्तोगी ने बताया कि आई०ए०पी० कानपुर विश्व स्तनपान सप्ताह पिछले विगत वर्षो से आयोजित कर रहा है ताकि मातायें व अभिभावक तथा समाज इस विषय में जागरूक हो सके। प्रकृति ने शिशु के लिये मों के स्तन में दूध दिया है जिसमें शिशु के लिए आवश्यक सभी पौष्टिक तत्व एकदम सही अनुपात में तापक्रम और गुणवत्ता में है जिसे शिशु आसानी से पचा लेता है। स्तनपान से मो और शिशु को भावनात्मक सन्तोष मिला है। माँ का दूध पीने वाले शिशु में मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर दमा बीमारी कम होती है। यह संक्रामक रोगों से आपके नौनिहाल को बचाता है। इनका मानसिक विकास भी माँ के दूध में लाभदायक तत्वों की वजह से बेहतर होता है।डॉ० प्रभात तिवारी ने बताया कि नवजात शिशु के लिए माँ का दूध एक सर्वोत्तम आहार है। शिशु को स्तनपान के माध्यम से कुपोषण के खतरे से बचाया जा सकता है तथा होने वाले शिशुकाल के संक्रमण से बचाया जा सकता है। शिशु के जन्म से 6 माह की आयु तक आहार के रूप में केवल माँ का दूध ही पिलाना चाहिए तथा अन्य कोई पेय अथवा ठोस आहार व पानी नही दिया जाना चाहिए। नवजात शिशु के जन्म लेते ही स्तनपान प्रारम्भ कर देना चाहिए। इस हेतु मों को पूर्व में ही स्तनपान की जानकारी दी जानी चाहिए।सचिव डॉ० सुबोध बाजपेई ने बताया कि माँ का दूध ही बच्चे का पहला टीका है। स्तनपान करने वाले बच्चों में रोगग्रस्त होने की सम्भावना कम हो जाती है।


No comments