श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उत्सव के माहौल में मनाया गया गोदभराई और अन्नप्राशन दिवस - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर उत्सव के माहौल में मनाया गया गोदभराई और अन्नप्राशन दिवस

 


रिपोर्ट मोहम्मद सलमान

गोण्डा गोदभरायी की रस्म से गर्भवती को ख़ुशी और सम्मान के साथ मिलती है पोषण की जानकारी : सीडीपीओ श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर शुक्रवार को बेलसर विकास खण्ड के आंगनबाड़ी केंद्र डलमऊ प्रथम पर उत्सव जैसा माहौल रहा | कार्यकर्त्रियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र को रंगोली, कलश  व गुब्बारे आदि से सजाकर गोदभराई और अन्नप्राशन दिवस मनाया गया | मुजेहना व शहर परियोजना के सीडीपीओ अभिषेक दुबे ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया | इस मौके पर उन्होंने क्षेत्र की पांच गर्भवती महिलाओं को पोषण टोकरी प्रदान कर गोदभराई और एक बच्चे को खीर खिलाकर अन्न्नाप्रशन कराया | कार्यक्रम में विभिन्न स्टालों के माध्यम से लोगों को विभागीय योजनाओं और सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई |

इस मौके पर गर्भवती महिला और होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य की शुभाकांक्षा के साथ उन्हें सतरंगी थाली एवं अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ जैसे- अनाज, दूध, सूखे मेवे, फ़ल, दाल, हरी साग व पीली सब्जियों इत्यादि की टोकरी दी गयी | बुजुर्ग महिलाओं एवं अभिभावकों ने स्वस्थ जच्चा- बच्चा की कामना करते हुये आशीर्वाद दिया |

सीडीपीओ अभिषेक दुबे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर होने वाली इस तरह की सामुदायिक गतिविधियाँ आमजन तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम हैं | उन्होंने कहा कि एक विशेष गाँव से ही नहीं अपितु अपने भारत देश से कुपोषण को दूर भगाना सरकार की प्राथमिकता है | सीडीपीओ ने बताया कि गोदभरायी की रस्म से गर्भवती महिला को खुशी के साथ बेहतर पोषण के विषय में भी जानने मिलेगा | इससे वह ख़ुद को स्वस्थ रखने के साथ अपने आने वाले बच्चे के भी बेहतर स्वास्थ्य का ध्यान रख पाएगी |

सीडीपीओ बेलसर वंदना ने बताया कि गर्भधारण से लेकर नौ महीने तक का समय गर्भवती महिला और होने वाले बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद खास माना जाता है | इस दौरान सुपोषण का आभाव, कम से कम चार प्रसव पूर्व जाँच में कमी एवं अनियमित दिनचर्या सुरक्षित मातृत्व के लिए चुनौती भरा हो सकता है | इस दृष्टिकोण से गोदभराई की रस्म माता एवं उनके होने वाले बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए परंपरागत होने के साथ स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देने वाला एक सकारात्मक कदम है |

उन्होंने गर्भवती महिलाओं को दिन में चार बार खाना खाने, दूध, फ़ल, सोयाबीन, गुड़, हरी साग-सब्ज़ी खाने के साथ आयरन एवं कैल्सियम की गोली खाने के बारे में जानकारी दी | इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को अधिक से अधिक आराम करने एवं भारी कार्य ना करने की सलाह भी दी | इसके अलावा बच्चा जितनी बार चाहे उसे स्तनपान कराने एवं साफ-सफ़ाई से रहने के विषय में भी सलाह दी साथ ही सीडीपीओ वंदना ने कहा कि कोविड का संक्रमण एक बार अपना पाँव पसारने लगा है | ऐसे में सभी को कोविड-19 नियमों का पालन करना होगा | सभी सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए अपने कार्य करें | सैनिटाइजर का प्रयोग करें | साबुन से बार-बार हाथ धोते रहें |  मास्क अवश्य पहने हैं, जिससे कि करोना महामारी से बचा जा सके | कार्यक्रम में मुख्य सेविका, ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, बीपीए, क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियाँ, विद्यालय के अध्यापक व ग्रामवासी उपस्थित रहे

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