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योजना की फाइल स्वीकृति के बाद अधूरे कार्यो पर बजट का किया गया है बंदरबांट

 


रिपोर्ट लल्लन सिंह

पंचायत भवन सामुदायिक शौचालय बेबुनियाद पर टिका है गुणवत्ता की हो जाँच खलीलाबाद क्षेत्र में कमीशन की आड़ में प्रधान निर्भीक होकर पटल पर विकास को दरकिनार करके अधूरे कार्यों पर कागजी कोरम पूर्ति कराकर लाखों का बजट हड़प लिए हैं।जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।खलीलाबाद के ब्लाक कर्मी व प्रधान सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। एक दूसरे बाहुबलियों के सहारे चर्चित ब्लॉक कर्मी व प्रधान धड़ल्ले से नजर बंद करके योजना का लाभ उठा रहे हैं। पटल पर दिखने वाले पंचायत भवन सामुदायिक शौचालय जो लाखों रुपए के खर्चे से बनाया जा रहा है। कहीं ना कहीं गरीब का आशियाना साबित हो रहा है।जो अपूर्ण कार्यों को पूर्ण दिखाकर कागजी कोरम पूर्ति किया गया है।बताया जाता है कि खलीलाबाद ब्लॉक से ग्राम पंचायतों के विकास के लिए कोई भी फाइल स्वीकृत होते ही उस योजना के बजट पर ऐसे डाका डाल दिया जाता है। कि बिना पूर्ण कार्य किए ही कागजी कोरम पूर्ति की जादुई छड़ी चलाकर बजट साफ कर लिया जाता है  मानक विहीन होते हुए भी इसकी गुणवत्ता की जांच नहीं होती है आपको बता दें कि अधिकतर  गांव में बने सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन नाली खड़ंजा पुनः अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।अधूरे कार्यों पर कागजी कोरम  पूर्ति किया गया है। और लाखों का बजट बंदरबांट कर लिया गया है। प्रधानमंत्री मनरेगा जैसी योजना का गरीबों का हक छीन कर अपात्र लाभार्थियों के खाते में विकास की गंगा बह रही है।प्रधान व ब्लॉक कर्मियों के चहेते ब्लॉक से लेकर गांव तक मालामाल हो रहे हैं किसी को कोई गम नहीं है शाहबानो को डर तो कागज में होती है चाहे काम पटल पर हो या ना हो ग्रामीणों के निंदा करने से कोई मतलब नहीं है उसकी जिम्मेदार बजट देने वाली सरकार है इस संबंध में जिम्मेदार कर्मियों से पूछे जाने पर जिम्मेदार भी विकास के पद को दलालों के हवाले गिरवी रखकर आगे पीछे होते रहते हैं और कहते हैं कागजी कोरम पूर्ति है

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