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पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू लेकिन सरकारी नीतियां ही कर रही हैं आम जनता से धोका

 


आकाश सिंघल

लखनऊ पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू लेकिन सरकारी नीतियां  ही कर रही हैं आम जनता से धोका दुनियाभर में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद तंबाकू के खतरे के बारे में जागरूकता फैलाना है. "पहली बार 7 अप्रैल 1988 को ये दिन मनाया गया था. इसके बाद 31 मई 1988 को WHO42.19 प्रस्ताव पास होने के बाद इस दिन को हर साल 31 मई को मनाया जाने लगा.

"हर साल किसी न किसी थीम पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2022 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day 2022) की थीम “पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू”। पिछले साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम कमिट टू क्विट थी." तंबाकू का इस्तेमाल सेहत को काफी नुकसान पहुंचाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मौत तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों से होती है. "धूम्रपान कई प्रकार से शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, इससे कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को भी क्षति पहुंचने का खतरा रहता है। निकोटीन, रक्त वाहिकाओं में कसाव का कारण बनता है, जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा धूम्रपान रक्तचाप को भी बढ़ा देता है जिससे रक्त वाहिकाओं की दीवार कमजोर हो जाती है, रक्त के थक्के बढ़ने का भी खतरा रहता है। हृदय की सेहत के लिए धूम्रपान को गंभीर खतरे के तौर पर देखा जाता है।"

उत्तर प्रदेश की जनता विशेषकर युवाओं को नशा से मुक्ति दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पत्रकार एसोसिएसन & नशा मुक्ति आन्दोलन प्रदेश सरकार से समय समय पर मांग करती आई है कि उत्तर प्रदेश में पूर्ण रूप से तम्बाकू व शराब पर प्रतिबंध लगे तभी उत्तर प्रदेश स्वस्थ समृद्ध व स्वावलम्बी प्रदेश बन सकता है।

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पत्रकार एसोसियासन के चेयरमैन नवल त्रिपाठी जी ने बताया कि जन स्वास्थ्य के लिए तंबाकू बड़ा खतरा है। इसकी बिक्री न रूकने के कारण चिकित्सा व्यस्था लड़खड़ा गयी है। इसमें शिक्षा चिकित्सा और समाज सेवा से जुड़ी संस्थाओं का सहयोग लिया जाना चाहिए। इस अभियान को निश्चित ही गति मिलेगी और तम्बाकू मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने में हम सभी लोग कामयाब होंगे। नशे की लत रोकने के लिए तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर  प्रदेश में सामाजिक संस्थाएं जागरूकता रैली,हस्ताक्षर अभियान, तम्बाकू छोड़ चुके लोगों का सम्मान,पत्रक वितरण और तंबाकू निषेध संगोष्ठी का आयोजन करेंगी।
HEAL फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा  प्रांत 7:15 बजे कैंसर इंस्टीट्यूट से 1090 चौराहा तक निकाली जाएगी ।रैली का शुभारंभ आवासन एवम शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं मंत्री समाज कल्याण विभाग असीम अरुण द्वारा किया जाएगा।
अगर हमें इसे जड़ से खत्म करना है तो प्रदेश सरकार को इसकी बिक्री पर रोक लगानी चाहिए। लेकिन सरकारें तो अपना रेवेन्यू जेनरेट करने के चक्कर में उन्हें लाइसेंस देती हैं और  दूसरी तरफ उनका दूसरा मंत्रालय इसे रोकने के लिए हर साल जनता के टैक्स का रुपया धुएं में उड़ा देता है। सरकार का तीसरा मंत्रालय जनता को तंबाकू खाते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना वसूल कर कमाता है।  यही हाल शराब का भी है जो सरकार प्रत्यक्ष रूप से बेचकर कमाती है।इन सभी में सरकार को जनता के स्वास्थ्य का कोई मतलब नही ,जनता अपना ध्यान खुद रखे ।
इसके लिए हमने कुछ लोगों से बात की ...

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