अघोषित विद्युत आपूर्ति को लेकर मचा हाहाकार, जाने आपूर्ति का रोस्टर क्यों बनी समस्या 18 घंटा के बजाएं 4 से 5 घंटा मिल रही है ग्रामीण क्षेत्र मै बिजली - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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अघोषित विद्युत आपूर्ति को लेकर मचा हाहाकार, जाने आपूर्ति का रोस्टर क्यों बनी समस्या 18 घंटा के बजाएं 4 से 5 घंटा मिल रही है ग्रामीण क्षेत्र मै बिजली


 बलरामपुर पावर हाउस रेहरा बाजार अचलपुर चौधरी अघोषित विद्युत कटौती को लेकर शहर से गांव तक हाहाकार मच गया है। आसमान से बरसती आग भीषण गर्मी ने लोगों का दिन का चयन रात का सुकून छीन लिया है। जिसको लेकर लोग काफी परेशान है।

जिले में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से चौपट हो गई है। सरकार के उस दावे की धज्जियां उड़ रही हैं। जिसमें कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे व शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे निर्बाध विद्युत की सप्लाई की जाए। प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के गोंडा दौरे के बाद विद्युत आपूर्ति में कोई सुधार नहीं हुआ है। जबकि उन्होंने कहा था कि रोस्टर के हिसाब से विद्युत आपूर्ति की जाए। वर्तमान समय में विद्युत आपूर्ति के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में क्या रोस्टर है यह किसी को पता नहीं है। बिजली कब आएगी कब जाएगी इसके लिए निर्धारित कोई समय नहीं है। बिजली अपने पुराने ढर्रे पर एक बार फिर पहुंच चुकी है।   हाल तो बहुत ही बेहाल है। यहां के कर्मचारी आपूर्ति बंद होने पर पावर हाउस के नंबर को स्विच ऑफ कर लेते हैं। यहां तक कि उपभोक्ताओं को कोई समुचित जानकारी भी नहीं मिल पाती है। कि बिजली कब आएगी। बीते एक सप्ताह से आपूर्ति पूरी तरह से चरमरा हुई है। दिन के समय बड़ी ही मुश्किल से 3 से 4 घंटे व रात्रि के समय कुल मिलाकर 4 से 5 घंटे आपूर्ति मिल पाती है। रात्रि के समय अघोषित कटौती के कारण इस भीषण गर्मी में लोग बेहाल हैं। दिनभर की भागदौड़ के बाद रात्रि का सुकून भी छिन गया है। यह हाल तब है जब सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे आपूर्ति का ढिंढोरा पीट रही है। लेकिन विद्युत आपूर्ति सिर्फ कागजों पर हो रही है। आपूर्ति के बिगड़े हालात को देखकर कहीं ना कहीं शासन प्रशासन के प्रति भी लोगों में आक्रोश पनप रहा है। इस संबंध में अधीक्षण अभियंता विद्युत ने बताया वर्तमान समय में कोई रोस्टर चल ही नहीं पा रहा है। उसके पीछे कारण यह है कि एकाएक गर्मी बढ़ने के कारण डिमांड अधिक हो गई है। जबकि आपूर्ति कम है। जब कंट्रोल रूम का निर्देश होता है। ओवरलोडिंग बढ़ती है।  क्षेत्र की विद्युत काट दी जाती है। ओवरलोडिंग कम होने पर दूसरे क्षेत्र की जोड़ दी जाती है। इसी तरह काम चल रहा है। इसको लेकर के ऊर्जा मंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग भी हुई है। समस्या सभी के संज्ञान में है।

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