संत गाडगे व संत रविदास जयंती पर प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित - ADAP News - अपना देश, अपना प्रदेश!

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संत गाडगे व संत रविदास जयंती पर प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित


 बस्ती, उत्तर प्रदेश।संत गाडगे कल्याण मिशन, बस्ती द्वारा आयोजित  स्वच्छता के जनक महामानव राष्ट्रीय संत गाडगे एवं संत शिरोमणि रविदास जी का जन्मोत्सव समारोह बादशाह मैरिज हाल, बस्ती में आयोजित किया गया ।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय जयसिंह, आईआईएस ने संत गाडगे व संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत उद्घाटन किये और उपस्थित जनसमूह को अपने उद्बोधन में बताया कि गाडगे जी का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र प्रांत के अकोला जिले में ऐसे समय पर हुआ था जब पूरा समाज सामाजिक कुरीतियों में जकड़ा हुआ था। गाडगे जी की तुलना महामानव गौतम बुद्ध से करते हुए कहा कि जिस प्रकार गौतम बुद्ध ने अपना राजपाट घर परिवार त्याग कर मानव कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया उसी प्रकार संत गाडगे जी ने घर परिवार का मोह त्याग कर गरीबों, असहाय पीड़ितों, वंचितों तथा पशु- पक्षियों की सेवा में लगे रहे तथा शिक्षा सफाई का संदेश देते हुए अपना पूरा जीवन इन्हीं लोगों के बीच लगाया, इसके साथ ही संत गाडगे संत रविदास एवं बाबा साहब के द्वारा किए गए संघर्षो के कारण आज मुझे इतना बड़ा सम्मान मिला है। संत गाडगे जी को भारत रत्न मिलना चाहिए। अगर इन महापुरुषों ने अपनी कुर्बानी ना दी होती तो हम लोग दर दर भटकते रहते।  मुख्य अतिथि ने संत शिरोमणि रविदास जी के बारे में कहा ऐसा चाहू राज में जहां मिले सबन को अन्न, छोट छोट बढ़ो सब सम बसें रविदास रहे प्रसन्न ।

विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार ने कहा कि गाडगे जीत संत रविदास जी एवं बाबासाहेब अंबेडकर ने दबे कुचले समाज को शिक्षित होकर संगठित होने तथा अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संदेश दिया था उसी का पालन करके इस समाज के लोग तरक्की कर सकते हैं ।

माननीय जगन्नाथ मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि जिस समाज के लोगों ने अपने महापुरुषों के आदर्शों एवं संदेशों का पालन नहीं किया है वह आज भी मारे मारे इधर-उधर घूम रहे हैं इनको शासन प्रशासन में भागीदारी देने एवं समुचित प्रतिनिधित्व देने के लिए मजबूर करना होगा।

 विशिष्ट अतिथि माननीय चंद्रिका प्रसाद एवं बनवारी लाल कनौजिया ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन काल में एक सही धारा में चलते हुए गाडगे बाबा ने यही सीख दिया जो बाबा साहब ने दिए कि शिक्षित बनो उन्हें विद्या धन को विकास के लिए जरूरी समझा जीवन भर संघर्ष की और संगठित होकर सामाजिक सरोकारों को पूरा करते रहे ।  उमाशंकर बौद्ध ने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान देकर उच्च शिक्षा के द्वारा देश विदेश में भागीदारी लेने पर जोर दिया तथा बौद्ध धर्म को अपनाने पर विशेष जोर दिया ।

इस अवसर पर राजेंद्र कुमार कनौजिया ने महिलाओं और दबे कुचले समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास करने वालों के बीच जाकर जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया और अपने भाषण में उपस्थित लोगों को संदेश दिया कि हमें एकजुट होकर समाज को सशक्तिकरण करना होगा।

 कार्यक्रम के मुख्य राम सुमिरन कनौजिया राम शंकर जी, अवनीश चौधरी सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक कार्य करने वाले तथा शैक्षणिक कार्य में सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभाने वाले प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया तथा उनको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया ।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में रविंद्र, विजय प्रकाश, ज्ञानदास, मूलचंद, मनोज कुमार, हीरालाल इत्यादि ने अपना वक्तव्य दिया। इस अवसर पर राजेंद्र कुमार, बनवारी लाल कनौजिया, बाबूलाल, बेचू राम, मूलचंद कनौजिया, किरण कनौजिया, राजकुमार, रामचंद्र, अर्जुन प्रसाद, रामप्यारे कनौजिया, अनिल कुमार कनौजिया, अशोक कुमार कनौजिया, आदि ने सहभागिता निभाई कार्यक्रम का सफल संचालन शिव राम कनौजिया द्वारा किया गया।

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