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पुण्यतिथि पर याद किये गए वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी डॉ.दरबारी लाल अस्थाना

 


लखनऊ गुरुवार  वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी दर्शनशास्त्री डॉ.दरबारी लाल अस्थाना की पुण्यतिथि पर गुरुवार 3 मार्च को गोमती नगर विनयखंड के भारतीयम् भवन में स्मृति सभा हुई। उसमें परिजनों ने पुष्पांजलि अर्पित की। दूसरी ओर हनुमत सेवा समिति के अध्यक्ष विवेक पाण्डेय की अगुआई में रोहित मिश्रा, मालविका सिंह, अजय शुक्ला ,रश्मि पाण्डेय, दीपक कुमार, संदीप शर्मा और यज्ञ प्रसाद ओझा के सहयोग से सीतापुर रोड बक्शी का तालाब के भोला पुरवा निवासी कर्मठ महिला पुष्पा गुप्ता को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सिलाई मिशीन भेंट की गई।

वरिष्ठ रंगकर्मी और डॉ.दरबारी लाल के पुत्र पुनीत अस्थाना ने बुधवार को बताया कि डॉ.दरबारी लाल का जन्म 24 जुलाई 1905 को आगरा में हुआ था। अंग्रेंज़ी हुकुमत के दौरान राजकीय कॉलेज आगरा के बहिष्कार से वह राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में सक्रीय हुए। वृन्दावन के प्रेम महाविद्यालय में उन्होंने ग्रामोत्थान का कार्य किया और ब्रज के अनेक गांवों का दौरा कर आम लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जगायी। शान्ति निकेतन में अध्ययन के दौरान गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें एक कलम भी आशीर्वाद स्वरूप भेंट की थी। युसुफ मेहर अली द्वारा संचालित अखिल भारतीय युवक आन्दोलन के संचालन में भी वह सक्रीय रहे। सिंधी समाज के आध्यात्मिक गुरु श्रीयुत टी.एल.वासवानी का भी उन्हें सानिध्य मिला। साल 1930 में वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय के छात्रों साथ जब वह सत्याग्रह आन्दोलन कर रहे थे तब उन्हें 9सी-12 धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। 4 अगस्त 1930 को उनको छह महीने का कठोर कारावास का दंड सुनाया गया। 11 अक्टूबर 1930 में उन्हें मथुरा जेल से सीतापुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना उत्तर प्रदेश कांग्रेंस कमेटी के सदस्य भी रहे। उन्होंने शक्ति आश्रम का संचालन भी किया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने देहरादून में रहकर मेडिकल प्रैक्टिस भी की। 1952-53 में वह देहरादून की नगर कांग्रेस कमेटी के प्रधानमंत्री रहे। इसके बाद वह लखनऊ आ गए और 1954 से उन्होंने उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि लखनऊ केन्द्र के संचालक के रूप में लम्बे समय तक कार्य किया। वह उत्तर प्रदेश हरिजन सेवक संघ की कार्यकारणी और संयुक्त सदाचार समिति कार्यकारिणी के भी सदस्य रहे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें 15 अगस्त 1972 को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था। 3 मार्च 1985 को 80 वर्ष की आयु में डॉ.दरबारी लाल अस्थाना का स्वर्गवास हो गया था। स्मृति सभा में शुभ्रा, रत्ना, नमन पावनी सहित अन्य ने पुष्पांजलि अर्पित की। डॉ.दरबारी लाल अस्थाना फेसबुक लिंक के माध्मय से दूरस्थ परिजन स्मृति दिवस से जुड़े

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