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दमन की हद है,इस व्यंग पर पत्रकार को भूपेश सरकार ने जेल भेज दिया पढ़िये

 


छत्तीसगढ़ में दमन की हद है,इस व्यंग पर पत्रकार को भूपेश सरकार ने जेल भेज दिया पढ़िये ये तो तय से होते दिख ही रहा था कि एक बार सत्ता हाथ मे आने के बाद हाथ से न जाने की जद्दोजहद शुरू हो जाती है, लेकिन एक राष्ट्रीय पार्टी जो कभी अर्श पर थी वह फर्श में आने के बाद अब गर्त में जाने के लिए आतुर दिख रही है।


पंजाब में कैप्टन ठगा गए, राजस्थान में पायलट का प्लेन हैंगर में है, इधर अपने यहां ऑपरेशन बाबा नेस्तनाबूद चल रहा है। ढाई-ढाई में कोई लिखित समझौता तो था नही। राजनीति मे कोई एमओयू तो होता नही है। जुबान औऱ ईमान की कीमत होती है, लेकिन दोनों दगा दे गए।


बाबा को पहले सीधा कहा गया, फिर सादगी का प्रतिमूर्ति कहा गया। जय बनाकर मोटरसाइकिल में बैठाया गया, लेकिन सेठानी ने जय के हिस्से को काटने का खेल खेला औऱ खेला हो गया। स्वास्थ्य मंत्रालय को कोरोना हो गया, मुँह में मास्क लगाकर पीपीई किट पहना दिए।


धीरे धीरे तंत्र मंत्र चलने लगे। बाबा के खिलाफ बाबाओं की भीड़ लग गयी, बाबा भोले हैं, तकाज़ा रखे थे कि आलाकमान अपने कमान से तीर छोड़ेगा! पर आलाकमान भी जानता है कि बाबा, बाबा ही है। उनको तो सेवक या शिष्य चाहिए! सिद्धू जैसा, जादूगर अशोक जैसा, सो ढाई गुजरने के बाद इंतज़ार और थोड़ा इंतज़ार करवा रहे र्हैं।


कहीं पर डर सता तो नही रहा है? सो ऑपरेशन मटियामेट शुरू हो गया है। अगर ये आपरेशन आलाकमान के निर्देश पर है, तो कहानी में ट्वीस्ट है और अगर ये सेठानी षड्यंत्र है तो धुंआ दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है। दिल्ली में जनपथ से छत्तीसगढ़ के गलियारों में चर्चा का बुखार चढ़ने लगा है। दाऊ के सताए या सेठानी पीड़ित निर्वाचित जन प्रतिनिधियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।


चंदा इकट्ठा होने लगा है। माना विमानतल से रोड मैप बनाया जा रहा है। कहां पर फूल मालाएं पहनाई जाएगी कहाँ पर पंखुड़ी बिछाई जाएगी, कहां कहां आदमकद पोस्टर लगेंगे। छतीसगढ़ के नेता कैसा हो? अब नए सिरे से बताया जाएगा। अढ़ाई खत्म, तीन शुरू, तू रु रु तू रु रु तेरा मेरा प्यार शुरू होने वाला है।


उपेक्षित सत्तू,धन्नू, रुद्रु, विक्की, शैलू, खुश है। पुराने मंडली के आधे साफ होने वाले है। सबसे पहले कौन तो भख्तू, डेहरु, भेंडूईन, कवासु छब्बे का नाम तय है। ये नही रहेंगे। अब नई गाड़ी में नए लोग बैठेंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली से खबर आ चुकी है कि अब बदलाव होगा। नो ट्रांसफर नो पोस्टिंग। पूरे कामकाज नये सिरे से होने का फरमान आ गया है। चौकड़ी मारने वाले चार परेशान है। सेठानी के कर्मो की कुंडली खुलने वाली है। जाते जाते लूट की दुकान में सकेलो सकेलो चर्मोत्कर्ष पर है। डीएमएफ फण्ड पर लूट के हिसाब लेने के लिए वक़्त का इंतज़ार है। राज सिंहासन की करो तैयारी आ रहे बाबा बिहारी!

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