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सफर पैगम्बरे इस्लाम का वह अज़ीम मोजज़ा है जिस पर इन्सान की अक्ल आज भी हैरान है


कानपुर , हिजरत से पहले रजब की 27 वीं रात के थोड़े से हिस्से में मेराज का वाकिया पेश आया मेराज का सफर पैगम्बरे इस्लाम का वह अज़ीम मोजज़ा है जिस पर इन्सान की अक्ल आज भी हैरान है कुरान ने पैगम्बरे इस्लाम के इस मोजज़े को जिस अंदाज़ से बयान किया उस में गौर करने के बाद इस वाकये को सच मनना पड़ता है इस में शक की कोई गुंजाईश नहीं है उक्त विचारों को आल इंडिया गरीब नवाज़ कौंसिल के तत्वाधान में  आयोजित जश्ने मेराजुन नबी  के प्रोग्राम मदरसा अल जमीअतुल इस्लामिया अशरफुल मदारिस गद्दियाना में कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत मौलाना मो. हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने व्यक्त किये मौलाना अशरफी ने मेराज के वाकिये पर रौशनी डालते हुए कहा कि पैगम्बरे इस्लाम अपनी चचा ज़ाद बहन उम्मे हानी के घर इशा पढ़ कर आराम फरमा रहे थे कि हज़रत जिबरील अलैहिस्सलाम हाज़िर हुए नींद से बेदार किया फिर आपको ज़मज़म के करीब लाया गया जहाँ शक्कुस सद्र का वाकिया पेश आया फिर पैगम्बरे इस्लाम की सवारी के लिए बुराक़ लाया गया जिस की तेज़ रफ्तारी यह थी कि जहाँ निगाह पड़ती थी वहां क़दम रखता था फिर पैगम्बरे इस्लाम मस्जिद अक्सा तशरीफ़ ले गए और वहां तमाम नबियों की इमामत फरमाई सातों आसमानों की सैर करते हुए सिदरा तक पहुंचे यह वो मंजिल है जिस के आगे फरिश्तों का भी गुज़र नहीं होता आप ने जन्नत व् जहन्नम और बे शुमार चीज़ों को देखा और अपनी ज़ाहिरी आँखों से अल्लाह पाक का दीदार भी किया बहुत सी राज़ की बातें हुईं और अल्लाह ने अपने महबूब को नमाज़ का तोहफा अता फरमाया नामज़ मोमिनों के लिए खुदा की बारगाह का एक ऐसा अज़ीम तोहफा है जो मेराजे मुस्तफा के तुफैल मुसलामनों को अता किया गया है !खुर्शीद आलम,कारी मोहम्मद अहमद अशरफी,अजरत अली,माजिद अली ने हम्द व नात व मन्क़बत पेश किये प्रमुख रूप से मौलाना फ़तेह मोहम्मद,एम् एच खान,हाफिज़ अरशद अशरफी,कारी आज़ाद अशरफी,मौलाना महमूद हस्सान अख्तर,मुन्ना भाई,चुन्ना भाई,फहीम अहमद,नसीम अशरफ,दानिश आदि उपस्तिथ थे!


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