स्थाई पदों के सृजन करने की योजना नहीं, निजीकरण को बढ़ावा देना कभी जनहित में नही हो सकता
लखनऊ ,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आज प्रस्तुत बजट को कर्मचारियों के लिए निराशाजनक बताया है ।परिषद के अध्यक्ष सुरेश ,महामंत्री अतुल मिश्रा, प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव ने बजट के प्राथमिक अध्ययन के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्मचारियों की मांग थी कि पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए जिस पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं कहा, आयकर स्लैब में कोई बदलाव नही हुआ, कर्मचारियों की मांग थी कि 10 लाख तक आय को करमुक्त किया जाए लेकिन निराश ही हाथ लगी । वहीं निजीकरण , आउटसोर्सिंग की जगह स्थाई रोजगार सृजन करने की आस देख रहे कर्मचारियों को निराशा हुई क्योंकि सरकार सरकारी क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाने का फैसला लिया । ऐसा प्रतीत होता है कि अब सरकार कर्मचारियों को दोयम दर्जे का नागरिक मानती है इसलिए बजट में कर्मचारियों हेतु कोई घोषणा नहीं है । कोविड काल मे सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर देश के लिए कार्य किया था लेकिन कर्मचारी हित में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई छूट ना मिलने से कर्मचारियों की आस टूटी है । रा
ज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जल्द ही एक बैठक कर अपनी प्रतिक्रिया देश के वित्त मंत्री जी एवं प्रधानमंत्री जी को प्रेषित करेगा
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