भ्रष्टाचारियों के नईये कि पतवार बनी सरकार
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के स्थापना से वर्तमान समय तक के प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक के वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट के अवलोकन से प्रमाणित होता है कि पीडब्ल्यूडी भ्रष्टाचार का महासागर बना हुआ है। जिसमें अभियंताओं के भ्रष्टाचार की नैया बेखौफ तैरती नजर आतआ रही है। जब कभी भ्रष्टाचार के तैरती नैया के विरोध में तूफान स्वरूप सामाजिक कार्यकर्ता व संगठनों द्वारा गति अवरोध का प्रयास किया जाता है, तो भ्रष्ट अभियंताओं के भ्रष्टाचार की नैया को सरकार पतवार स्वरूप सहयोग करते हुए भ्रष्टाचार की नैया को गति प्रदान करती है। ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के भ्रष्टाचार के महासागर में स्वच्छंद विचरण कर भ्रष्टाचार का आनंद लेने की सरकार शौकीन बन चुकी है। अन्यथा विगत कई दशकों से प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक के वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट भ्रष्टाचार के महासागर में गोते लगाने को विवश न होती। आम जनता भी अब यह देखने को विवश है कि भ्रष्टाचार के महासागर में अभियंताओं कि बेखौफ तैरती नैया और पतवार स्वरूप कार्य करती सरकार के साथ-साथ भ्रष्टाचार के भवसागर में गोते लगाती वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट के विरुद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का 117 दिनों से चल रहे सत्याग्रह संकल्प के मूल परिणाम क्या होंगे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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