मुख्य लेखा परीक्षक की वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट अभियंताओं के ठेंगे पर
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग पर उत्तर प्रदेश सरकार की कुछ खास मेहरबानियां हैं जिसके परिणाम स्वरूप प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक की विगत दशकों के वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट के अनुरूप प्रतिवर्ष अरबों, खरबों रुपए के घोटाले बदस्तूर जारी हैं और प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक की वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट अभियंताओं के ठेंगे पर है। अब यह समझना होगा कि मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग की खामोशी व मूक समर्थन बेवजह तो नहीं है। शायद यही कारण है कि शासकीय तंत्र के समक्ष विगत वर्षों से प्रेषित वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट निष्क्रिय व लाचार पड़ा हुआ है। ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग और शासन के भ्रष्टाचार में चोली दामन के साथ का परिणाम है कि भ्रष्टाचार का कुटीर उद्योग पुष्पित पल्लवित होता नजर आ रहा है और भ्रष्टाचार का जीरो टॉलरेंस का नारा दिवास्वप्न बनता जा रहा है। ऐसे गंभीर भ्रष्टाचार व लोकहित के मुद्दे पर जनता का नेतृत्व करने का दंभ भरने वाले छद्म रूपी नेता व राजनीतिक पार्टियों के अब तक की खामोशी पर भी सवालिया निशान है।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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