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विश्व मानवाधिकार दिवस पर तीसरी आंख ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन ने शहर की जानी-मानी हस्तियों को किया सम्मानित

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।विश्व मानव अधिकार दिवस पर तीसरी आंख ह्यूमन राइट आर्गेनाईजेशन के द्वारा  सम्मान समारोह एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज के कुलपति जेपी पांडेय, मुख्य अतिथि ज्ञान प्रकाश शुक्ल, अपर जिला जज (पास्को), विशिष्ट अतिथि गोविंद पांडे,योगेंद्र मिश्रा, अधिवक्ता व राज्य  राज्य विधिक सलाहकार गिरिजेश शुक्ला, संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प भेंट कर दीप प्रज्वलित किया।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य अतिथि ज्ञान प्रकाश शुक्ल ने कहा कि सार्वभौमिक घोषणा मूल  उद्देश है प्रत्येक व्यक्ति को अपने प्रगतिशील उपलब्धियों के लिए कार्य करने हेतु उत्त्साहित करने के लिए मानव अधिकारों तथा स्वतंत्रता के विचार को पेश करना है कभी-कभी बड़े स्तर पर मानवीय गरिमा पर प्रहार गंभीर चिंतन का विषय है।

विशिष्ट अतिथि गोविंद पांडे ने कहा कि मानव अधिकार के मामलों मे कार्यवाही का प्रभाव जटिल रुप से राज्यों की प्रवृत्ति संग्लन है प्रत्येक  राज्य को अपनी अधिकारिता क्षेत्र मे मानव अधिकार के सम्मान को सुनिश्चित करना उत्तर दायित्व है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने का मानव अधिकार के संरक्षण का निकटतम संबंध है परंतु विकसित और विकासशील देशों का मानवाधिकार शब्द के प्रति दिन दृष्टिकोण है  जिसके परिणाम स्वरुप राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार की परिकल्पना को खतरा उत्पन्न हो गया है जिसके परिणाम स्वरुप आज विश्व के समक्ष स्वतंत्र न्याय और शांति आधार मानवाधिकार खतरे में है।

विशिष्ट अतिथि योगेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि विधाई शक्तियों का विडंबना है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जिलों में मानवाधिकार न्यायालयों का गठन तो हो गया परंतु  विधायी शक्तियों की उपेक्षा के कारण आज मानव अधिकार न्यायालय शक्ति साधन हीन् बने हुए हैं।

राज्य विधि सलाहकार गिरिजेश शुक्ल ने बताया कि मानवाधिकारों हनन के अनगिनत मामले उपेक्षा के शिकार बने हुए हैं यही कारण है कि मानवाधिकार में आम जनता की आस्था आहत है जबकि मानव अधिकार वह मौलिक अन्य संक्रामय अधिकार है  जो मनुष्य जीवन जीने के लिए आवश्यक है मानव अधिकार तथा  मौलिक स्वतंत्रता हमें अपने गुणों, ज्ञान प्रतिभा तथा अंतर विवेक का विकास करने में सहायक होते हैं।

संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि हम अपनी भौतिक अध्यात्मिक तथा अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति एवम् संतुष्टि कर सके इस प्रकार मानवाधिकार वह अधिकार है जो हमारी अंतर प्रकृति मे  अंतर्निहित है तथा  जिसके बिना हम मनुष्य की भाति जीवित नहीं रह सकते मानव अधिकार को मूल या नैसर्गिक अधिकार भी  कहते हैं क्योंकि इसे किसी शक्ति द्वारा छीना नहीं जा सकता मूल अधिकार और मानव अधिकार विधि की  महत्वपूर्ण अवधारणा है मानव अधिकार मूल अधिकार से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण विषय है मानव अधिकार का संरक्षण आज विश्व के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती है।

उक्त कार्यक्रम में तमाम हस्तियों को सम्मानित किया गया जिसमें मीडिया सेक्टर,हेल्थ सेक्टर, समाजसेवी इत्यादि हस्तियां शामिल रहीं।

मीडिया सेक्टर से अपनी धारदार निष्पक्ष लेखनी के बल पर अपनी खुद की पहचान बना चुके पत्रकार पवन कुमार गुप्ता, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी, शशिकांत मुर्तुजा हुसैन, दामोदर उपाध्याय, साहेब राम साहनी, इशरत शमीम, आर पी सिंह, मोहम्मद  तारिक, मुकेश पांडे और चिकित्सा क्षेत्र से डॉक्टर बी के सुमन  डॉक्टर राजेश कुमार डॉक्टर आर ठाकुर, सामाजिक क्षेत्र से सुरेश अग्रहरि, सैयद वसीम इकबाल को प्रशस्ति पत्र के साथ साथ  संगठन के प्रति अवार्ड को देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में  यादव, शशीकांत, सचिन श्रीवास्तव, राहुल श्रीवास्तव, राम चंद्र दुबे, वीरेंद्र राय, बृजराज सैनी, वीरेंद्र वर्मा, सुनील त्रिपाठी, के एन श्रीवास्तव, खुशी, देवांश, श्रुति, आर के पांडे, अजय मोहन गांधी, राकेश श्रीवास्तव,  के एम श्रीवास्तव, आर,पी सिंह अन्य सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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