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अफ्रीका का किलिमंजारो पर्वत पर झंडा गाड़ेगी यूपी की यह बेटी, कबीर की नगरी ने बढ़ाया हौसला

बेचन प्रसाद यादव

लखनऊ उत्तर प्रदेश यानि यूपी के संतकबीरनगर जिले के धनघटा तहसील क्षेत्र के करमा गांव की रहने वाली रजनी साव पुत्री रामअद्या साव यूं तो बेलहर ब्लॉक में एएनएम के पद पर तैनात हैं। लेकिन 26 वर्षीय रजनी ने जीवन में कभी हार नहीं मानी l उसने तमाम सामाजिक और आर्थिक दुरुहताओं के साथ लैंगिक भेदभाव वाले माहौल में एक अलग मुकाम बना, देश की अन्य लड़कियों के लिए मिसाल बन चुकी है l



स्नातक करने के दौरान रजनी का सेलेक्शन जब एनसीसी में नहीं हो पाया तो वह मायूस हो गई थीं। वर्ष 2012-13 में जब उन्होंने पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा और बछेंद्री पाल का वीडियो देखा तो उसके मन में कुछ ऐसा ही करने का ख्याल जन्मा l उसके बाद उन्होंने पर्वतारोही बनने की ठान ली। गूगल से सर्च करके पर्वतारोहण इंस्टीट्यूट की जानकारी हासिल की और वर्ष 2016 में रजनी साव बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए हिमाचल गईंl  अटल विहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट से 28 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। 15 अक्तूबर 2016 को पहली बार उन्होंने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धौलाधार रेंज के हनुमान टिब्बा पर्वत पर 15,700 फीट की ऊंचाई को फतह किया तो उनका हौसला शिखर पर पहुंच गया l इस उपलब्धि पर उन्हें अवॉर्ड और बी ग्रेड हासिल हुआ। वर्ष 2017 में जोहार इंस्टीट्यूट पहलगाम जम्मू कश्मीर में 28 दिन का फिर प्रशिक्षण लिया। उसी दौरान सूरत के टेबलटॉप पर्वत पर 14 हजार फीट की ऊंचाई को फतह करने पर उन्हें ए ग्रेड मिला। वर्ष 2017 में ही सीतीधार पर्वत पर 16,380 फीट की ऊंचाई पर झंडा गाड़ा।
रजनी साव बताती हैं कि उन्होंने इंडियन माउंटेन फाउंडेशन दिल्ली में रजिस्ट्रेशन कराया है। माउंट एवरेस्ट के लिए वर्ष 2019 में आवेदन किया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी वाले पर्वत किलिमंजारो पर चढ़ने के लिए टीम में अलग-अलग प्रांतों से 21 लोगों का चयन हुआ है। उसमें उत्तर प्रदेश से सिर्फ उनका चयन हुआ है। किलिमंजारो की ऊंचाई 19,341 फीट है। उन्हें विभाग से भी अनुमति मिल गई है। 19 नवंबर को यहां से दिल्ली जाएंगी। 20 नवंबर को मेडिकल होगा। वहां से तिथि तय होने पर अफ्रीका जाएंगी। उनका सपना सफल पर्वतारोही बनने का है।



परिवार की मदद से बढ़ा रजनी का हौसला मैदानी क्षेत्र में रहते हुए भी पहाड़ों के प्रति उनकी ललक देखकर परिवार के लोग भी पूरी मदद दे रहे हैं। रजनी साव के पिता रामअद्या साव किसान हैं। तीन भाइयों और दो बहनों में रजनी दूसरे नंबर की हैं। बहन पुष्पा की शादी हो चुकी है। जबकि छोटी बहन खुशबू एएनएम का कोर्स कर रही है। बड़े भाई रामेश्वर साव कोलकाता में व्यवसाय करते हैं। जबकि छोटा 16 वर्षीय भाई सूजल साव इंटर में पढ़ाई कर रहा है। उनकी मां श्यामकली बताती हैं कि बेटी की दृढ़ता देखकर देकर परिवार के लोग उसकी पूरी मदद कर रहे हैं।डीएम ने आर्थिक मदद के लिए दिया भरोसा
छह नवंबर को रजनी साव ने डीएम को पत्र देकर अफ्रीका के किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ाई करने के लिए टीम में चयन होने की जानकारी दी थी। इस अभियान में उन्होंने मदद की इच्छा जताई थी। डीएम दिव्या मित्तल, एसपी डॉक्टर कौस्तुभ और सीडीओ सुरेंद्रनाथ श्रीवास्तव ने शनिवार को कलेक्ट्रेट में रजनी साव को भारतीय झंडा देकर उनका मनोबल बढ़ाया। डीएम दिव्या मित्तल ने उन्हें सफलता हासिल करने के लिए आशीर्वाद दियाउं का भरोसा दिया





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