नोटबन्दी दिवस को काला दिवस बताते हुए व्यापार सभा की पदयात्रा
कानपुर।नोटबन्दी को देश विशेषकर व्यापारी समाज को तबाह और बर्बाद करने वाला भाजपा का तुगलकी फैसला बताते हुए आज समाजवादी व्यापार सभा से जुड़े व्यापारियों ने नोटबन्दी की 5 वीं बरसी पे काला दिवस मनाते हुए बर्रा बाजार में पदयात्रा निकाली। हाथों में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे समाजवादी पार्टी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता,जीतेन्द्र जायसवाल,मनोज चौरसिया व कार्यक्रम संयोजक प्रदीप तिवारी ने कहा की आज के दिन 5 साल पहले 500 और 1000 रुपए के नोट जो चलन में थे उसको प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा चलन से बाहर करने का फरमान रात को 8 बजे दिया गया था।अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की इस गैरजिम्मेदाराना और तुगलकी फैसले से छोटे,मध्यम व बड़े,हर वर्ग के व्यापारी बर्बाद हुए।आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के दौरान 15 लाख 41 हजार करोड़ के (500,1000) नोट चलन में थे।जिसमें 15 लाख 31 हज़ार करोड़ के नोट वापस आ गए मतलब कि 99.3 % वापस आ गये। और उस वक्त ही देश की जीडीपी में 2 % की गिरावट आई मतलब 3 लाख 50 हजार करोड़ का भारत सरकार को नुकसान हुआ।लाखो नौकरियों में कटौती हुई । कितनी बहनों की शादियां टूट गईं। किसानों की खेती पर बुरा असर पड़ा आदि।नोटबंदी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था सिर्फ मुझे आप 50 दिनों का समय दे कालाधन,भ्रष्टाचार,नकली मुद्रा,आतंकवाद सब खत्म हो जायेगा और कैशलेस समाज का निर्माण होगा लेकिन एक भी वादा पूरा नही हुआ।देश बर्बाद हुआ और उल्टा चीन पाकिस्तान जैसे देशों को फायदा हुआ।नोट काले सफेद नहीं होते आप का लेन देन काला सफेद होता है।नोटबन्दी की घोषणा के पांच साल बाद भी अर्थव्यवस्था में नकदी की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में करीब 92 करोड़ के जाली नोट देश के अलग अलग हिस्सों में पकड़े गए।समाजवादी व्यापार सभा ने माँग रखी की भाजपा बिना सोचे समझे गैरजिम्मेदाराना तरीके से लागू की गई नोटबन्दी के लिये माफी मांगे।प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता, प्रदेश सचिव कृपा शंकर त्रिवेदी,मण्डल प्रभारी हरप्रीत भाटिया लवली,कानपुर महानगर अध्यक्ष जीतेन्द्र जायसवाल,महासचिव मनोज चौरसिया, कार्यक्रम संयोजक व किदवई नगर अध्यक्ष प्रदीप तिवारी,राम यादव,बृजेन्द्र यादव, विजय यादव,केशव श्रीवास्तव,चंद्रशेखर दिवाकर,आरएन यादव, शत्रुघ्न शिर्के,ओम प्रकाश चौटाला,अमित चढ्ढा आदि थे।
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