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सत्तासीन लोक सेवक भ्रष्ट अभियंताओं पर कार्यवाही के बजाय संरक्षण प्रदान करने में मशगूल क्यों

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश सीएम सिटी  गोरखपुर में लोक निर्माण विभाग परीक्षेत्र गोरखपुर के खंडीय कार्यालयों मे अभियंताओं द्वारा लोक हितों की उपेक्षा कर क्रमवार करोड़ों रुपए के दिए जा रहे भ्रष्टाचार के अंजाम पर प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता (विभागाध्यक्ष) मुख्य अभियंता-२ उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग की निष्क्रियता व उपेक्षा से स्पष्ट हो रहा है कि प्रमुख सचिव व प्रमुख अभियंता के संरक्षण व मिलीभगत से गोरखपुर लोक निर्माण विभाग  के संगठित अभियंताओं द्वारा लगभग करोड़ों रुपए के प्रति वर्ष भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। जिसे विगत दशकों से प्रधान लेखाकार व मुख्य लेखा परीक्षक द्वारा शासकीय तंत्र को प्रेषित वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट में करोड़ों रुपए के वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध के प्रमाणित उल्लेख से पुष्टि जा सकता है। जिसे विगत दिनों  तीन चरणों में तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा क्रमवार सार्वजनिक किया गया और अवशेष अगले चरण में सार्वजनिक किया जाएगा। अब यक्ष प्रश्न है कि आखिर सत्तासीन जिम्मेदार लोक सेवकों भ्रष्ट अभियंताओं के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के बजाय संरक्षण प्रदान करने में मशगूल क्यों है। संगठन के जनहित के मुद्दों से संबंधित प्रधान लेखाकार के लेखा परीक्षण रिपोर्ट पर आधारित  37 बिंदुओं के प्रकरण पर कार्यवाही करने में अक्षम क्यों है।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, डी एन सिंहठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, राजेश शुक्ला अधिवक्ता  कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।



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