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10.30 बजे बुधवार को प्राणी उद्यान में आयोजित होगा सेव द लॉयन वॉक

 


गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। विश्व शेर दिवस (10 अगस्त) पर शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान में ‘सेव द लायॅन’ वॉक का आयोजित होगा। गोरखपुर वन प्रभाग, शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान एवं हेरिटेज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाले इस वॉक की शुरूआत प्राणी उद्यान प्रवेश द्वार से सुबह 10.30 बजे शुरू होगी। 

विश्व शेर दिवस को मनाने की शुरुआत साल 2013 में हुई।साल 2013 से लेकर अब तक हर साल इस दिन को 10 अगस्त को मनाया जाता है। प्राणी उद्यान के वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ डॉ योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्राणी उद्यान में वी फॉर एनिमल, जीबीएस, रोटरी गोरखपुर मिडटाउन के सहयोग से ‘सेव द लॉयन वॉक’ आयोजित होगी। यह वॉक प्राणी उद्यान के प्रवेश द्वार से लॉयन के बाड़ा तक आयोजित होगा। उसके बाद सेव द लॉयन का संदेश देते हुए पेटिंग प्रतियोगिता आयोजित होगी। पेटिंग प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण मौके पर ही किया जाएगा। प्रतिभागियों को कलर स्वयं लेकर आना होगा। 

हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने बताया कि शेर एक विशालयकाल एवं सर्वाधिक चमत्कारी प्राणी है। शेर भारत में रहने वाली पांच पंथेरायन कैट्स में से एक है, जिसमें बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, हिम तेंदुए भी शामिल है। प्राचीन भारतीय काल इतिहास में एशियाई शेर इंडो-गंगाटिक प्लेन में सिंध से लेकर पश्चिम में बिहार तक पाए जाते थे। प्राचीन भारतीय इतिहास के साहित्य, पेंटिंग और राजस्व रिकॉर्ड में मौर्य काल, गुप्तकाल और मुगलकालीन सल्तनत के शुरुआती काल में एशियाई शेर को रॉयल एनिमल के रूप में प्रतिष्ठा मिली। मुगलकालीन पीरियड से लेकर ब्रिटिश काल तक इनका व्यापक स्तर पर शिकार किया गया, जिसके फलस्वरूप ये भारत के अधिकतर क्षेत्रों से लुप्त हो गए। डीएफओ विकास यादव बताते हैं कि शेर अधिकतर रात और सुबह के समय में शिकार करता है। शेर अपने प्राकृतिक आवास में चीतल, नीलगाय सांभर और जंगली सुअर का शिकार करना पसंद करता है. एशियाई शेर 2-2.5 मीटर लंबा और इसका वजन 115-200 किलोग्राम होता है और यह छोटी दूरी में 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से अपने शिकार का पीछा कर सकता है।

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