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प्रधान महालेखाकार की खामोशी उनके अस्तित्व व कार्याधिकार पर सवालिया निशान

 शासकों प्रशासकों को अंग्रेजी दासता के अंत का इतिहास पता नहीं है। 



गोरखपुर, उत्तर प्रदेश प्रधान महालेखाकार और मुख्य लेखा परीक्षक के निष्क्रियता व उदासीनता के परिणाम स्वरूप खंडीय लेखा अधिकारियों और अभियंताओं के संगठित निरंकुश भ्रष्टाचार की उत्पत्ति हो रही है यह गंभीर चिंतन का विषय है कि वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट के अनुरूप कारित गंभीर वित्तीय अनियमितता व आर्थिक अपराध पर प्रधान महालेखाकार की खामोशी उनके अस्तित्व व कार्याधिकार पर सवालिया निशान अंकित करता है तत्पश्चात यह कहना अतिशयोक्ति होगा कि प्रधान लेखाकार और मुख्य लेखा परीक्षक के संरक्षण में खंडी लेखा अधिकारियों और अभियंताओं द्वारा  लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश में कूट रचित वित्तीय निमित्त आर्थिक अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है ऐसे गंभीर मुद्दे पर यह भी कहने से इनकार नहीं किया जा सकता कि उक्त संगठित अपराध में प्रमुख अभियंता प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश का संगरछन व संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता ऐसे गंभीर मुद्दों पर तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा 306 दिनों से किए जा रहे सत्याग्रह संकल्प पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के साथ ही जिलाप्रशान की उदासीनता और खामोशी सत्य निष्ठा को संदिग्ध प्रमाणित करती है अब सवाल यह उठता है कि क्या लोकतंत्र का यही स्वरूप है क्या लोकतांत्रिक मूल्यों का यही वजूद है क्या लोक सेवक की आम नागरिकों के प्रति यही कर्तव्य और दायित्व है अगर इस तरह के दायित्वों का निर्वहन लोक सेवकों द्वारा निरंकुश गति से किया जा रहा है तो यह कहने से गुरेज नहीं किया जा सकता की लोक प्रतिनिधी भ्रष्टाचार का वाहक बन चुका है और यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है भ्रष्टाचार या भ्रष्टाचार के विरुद्ध  लगभग वर्षो से किए जा रहे सत्याग्रह संकल्प पर व्यवस्था के पोषको की खामोशी सत्य के आग्रह पर जुल्म के इंतहा की पराकाष्ठा है और हर पराकाष्ठा के उपरांत एक क्रांति की आगाज होती है जिससे नए समाज व संसाधनों की उत्पत्ति और सृजन का मार्ग प्रशस्त होता है तो बेहतर होगा कि व्यवस्था के पोशको को अपनी भ्रष्ट कारगुजारियो का आकलन करना चाहिए और राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के उपदेशों के अनुरूप देश या प्रदेश में सत्य का आग्रह करने वाले सत्याग्रहियो का सम्मान करते हुए जनहित के मुद्दों का निराकरण कर अपने दायित्वों का निर्वहन किया जाना चाहिए परंतु हमें ऐसा लगता है की बेलगाम वर्तमान शासकों प्रशासकों को अंग्रेजी दासता के अंत का इतिहास पता नहीं है या उस इतिहास को नजरअंदाज करते हुए उससे भी क्रूर इतिहास लिखने का एक षड्यंत्र कर रहे है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शुभ संकेत नहीं है और ऐसे क्रूर व्यवस्थाओं के विरुद्ध संगठन सत्याग्रह संकल्प के माध्यम से चरणबद्ध अभियान चलाते हुए एक नए इतिहास और युग के आरंभ का प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेंद्र कुमार मिश्रा, अनूप शुक्ला, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, योगेन्द्र कुमार मिश्रा एडवोकेट महामंत्री जिला कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन, रमाकांत पांडे उर्फ राजू प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उत्तर प्रदेश ठेकेदार संघ, डी एन सिंह ठेकेदार जन कल्याण समिति लखनऊ के प्रदेश उपाध्यक्ष, जेपी नायक उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, रामनिवास गुप्ता, वरिष्ठ कार्यकर्ता जियाउद्दीन अन्सारी, लल्लन दूबे, राजेश शुक्ला अधिवक्ता  कमिश्नरी बार गोरखपुर, अनूप कुमार मिश्रा एडवोकेट स्नेहा मिश्रा एडवोकेट दीवानी कचहरी गोरखपुर विरेन्द्र कुमार वर्मा, नदीम अजीज, विरेन्द्र राय, जिला मंत्री रामचन्दर दूबे, जिला संयोजक राजमंगल गौर, जिला मीडिया प्रभारी शशी कांत, नानू अंसारी, बृजराज सैनी, संतोष गुप्ता, सतीश कुशवाहा, देवांश माथुर, दीप मित्रम, पवन गुप्ता, संजय गुप्ता, राहुल श्रीवास्तव, राजेश्वर पांडे, आयुष पांडे, गिरजा शंकर नाथ, इत्यादि भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

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