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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भेजा पार्टियों को घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए मांग पत्र


लखनऊ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आज प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों के ई-मेल पर कर्मचारियों से संबंधित मांग पत्र भेजकर घोषणा पत्र में शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि  कर्मचारियों की   समस्याओं पर विगत दिनों  कुछ निर्णय हुए हैं । जिन मुख्य समस्याओं पर निर्णय बाकी है उन पर सभी पार्टियों से अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा गया है ।

जे एन तिवारी ने अवगत कराया है कि कर्मचारियों के लिए अधिवर्षत्ता 62 वर्ष की जाए क्योंकि एक अंतरराष्ट्रीय सर्वे के अनुसार भारतवर्ष में आम आदमी की लिविंग आयु अब 75 वर्ष हो गई है। ऐसे में 65 वर्ष तक कोई भी सरकारी कर्मचारी मानसिक एवं शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ होता है तथा उससे काम लिया जा सकता है। ऐसा करने से जहां  सरकारी काम के लिए अनुभव प्राप्त व्यक्ति मिलेगा वही 2 वर्षों तक ग्रेच्युटी एवं अन्य सेवानिवृत्त लाभों का भुगतान भी सरकार को नहीं करना पड़ेगा, जिससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा। कर्मचारियों को कैशलेस इलाज देने के लिए समय बद्ध योजना चलाई जाए। कैशलेस  इलाज से संबंधित चिकित्सा परिचर्या नियमावली में संशोधन किया गया है लेकिन उसका लाभ अभी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है। कैशलेस इलाज योजना को स्वास्थ्य बीमा से संबंध करते हुए इसे किसी स्वास्थ्य बीमा कंपनी से जोड़ दिया जाए ताकि कर्मचारियों को  गंभीर बीमारियों की स्थिति में इलाज के लिए तत्काल लाभ मिल सके।  मई 2020 में सरकारी कर्मचारियों का नगर प्रतिकर भत्ता बंद कर दिया गया था। इसके साथ ही सचिवालय कर्मचारियों का सचिवालय भत्ता भी बंद किया गया था। वर्तमान में सचिवालय कर्मियों का सचिवालय भत्ता तो बहाल कर दिया गया जिससे 10 हजार सचिवालय कर्मी एवं उनके परिवार प्रभावित हुए ,परंतु 12 लाख कर्मचारियों एवं उनके परिवारों के लिए अभी तक नगर प्रतिकर भत्ता बहाल नहीं किया गया है।

 जे एन तिवारी ने नगर प्रतिकर भत्ता बहाल करने की मांग घोषणा पत्र में शामिल करने तथा  दिवाली ,होली, दशहरा ,ईद जैसे त्योहारों पर कर्मचारियों को ब्याज मुक्त अग्रिम देने का मुद्दा भी पार्टियों को घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए दिया है। ऐसा करने से कर्मचारी के हाथ में पैसा आएगा तथा बाजार भी बूस्ट होगा। युवाओं को रोजगार देने का रूट मैप घोषणा पत्र में शामिल किया जाना चाहिए। सरकारी नौकरियों के अलावा निजी क्षेत्र के संस्थानों में भी 50% पदों पर सरकारी नियंत्रण के अधीन बेरोजगार युवकों की भर्ती की जानी चाहिए । हरितालिका तीज, करवा चौथ के व्रत महिलाओं के लिए अत्यंत कठिन होते हैं। इन पर्वों पर विशेष अवकाश घोषित करने, आंगनवाड़ी, आशा जैसी सामाजिक कार्यकर्त्रियो के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करते हुए न्यूनतम वेतन के बराबर 18000 मानदेय दिए जाने,  कामकाजी महिलाओं के लिए प्रसूति अवकाश एवं चाइल्ड केयर अवकाश में वृद्धि किए जाने, आउट सोर्स एवं संविदा कर्मचारियों के लिए नीतिगत निर्णय लेते हुए इनके समायोजन की व्यवस्था किए जाने, चुनाव ड्यूटी में लगे हुए कर्मचारियों के लिए 20 लाख का बीमा कवर किए जाने तथा किसी भी हादसा की स्थिति में  परिवार के एक अतिरिक्त व्यक्ति को सरकारी सेवा में लिए जाने की बात भी घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए उठाई गई है ।

जे एन तिवारी ने अपना पत्र भाजपा ,सपा, बसपा , कांग्रेस सहित सभी प्रमुख पार्टियों को उनके अधिकारी ईमेल आईडी पर प्रेषित करते हुए उनके अपने संवैधानिक दस्तावेजों में शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह कर्मचारियों की ऐसी मांगे हैं जो प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र की है। इन पर कोई भी पार्टी आश्वासन दे सकती है, घोषणा पत्र में शामिल कर कर सकती है तथा सत्ता में आने पर इस पर अमल भी कर सकती है।

जे एन तिवारी 

अध्यक्ष



 चुनाव से पूर्व कर्मचारियों की कुछ अन्य मुख्य समस्याओं पर निर्णय अपेक्षित था लेकिन चुनाव के कारण निर्णय नहीं हो सका है।

 मेरा अनुरोध है कि कृपया कर्मचारी भी समाज के अंग है। उनका परिवार भी समाज के साथ जुड़ा हुआ है ।उनको सिर्फ कर्मचारी की दृष्टि से ना देख कर समाज से जोड़कर उनकी कुछ मूलभूत समस्याओं को घोषणा पत्र में स्थान देने पर विचार करने /कराने की कृपा करें।

 मैं आपका आभारी रहूंगा।

 सुझाव :_

1_कर्मचारियों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष किए जाने का अनुरोध हम पहले भी कर चुके हैं। हम जानते हैं कि बेरोजगारी के चरम पर पहुंचने के कारण कर्मचारियों की अधिवर्षता आयु बढ़ाने से बेरोजगारी की समस्या बढ़ सकती है, लेकिन यह भी समीचीन है कि वर्तमान में आम आदमी  के लिविंग आयु में इजाफा हो गया है और अब लिविंग आयु 65 वर्ष से बढ़कर 75 वर्ष हो गई है। ऐसे में 65 वर्ष तक कर्मचारी मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकता है। ऐसा करने से एक अनुभवी व्यक्ति की सेवाएं सरकार को मिलेगी तथा 2 वर्ष तक ग्रेच्युटी इत्यादि पर एकमुश्त धनराशि भी नहीं खर्च करनी पड़ेगी ।युवाओं को रोजगार देने के लिए पहले से रिक्त पदों को भरे जाने एवं सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के उद्योगों में भर्ती के समय 50% युवाओं को सरकारी नियंत्रण के अधीन नियुक्त जाने की व्यवस्था भी की जा सकती है।

2_ कर्मचारियों को कैशलेस इलाज देने के संबंध में चिकित्सा परिचर्या नियमावली में संशोधन किया गया है लेकिन उसका लाभ अभी तक कर्मचारियों को मिल नहीं रहा है ।स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की प्रक्रिया को समय बद्ध कर अगले 6 महीनों में कर्मचारियों  को कैशलैस इलाज की सुविधा शुरू करने पर विचार किया जाए। इस योजना को किसी हेल्थ बीमा कंपनी से भी संबंध किया जा सकता है। जब तक स्टेट हेल्थ कार्ड नहीं बनता है तब तक कर्मचारियों को आयुष्मान कार्ड के जरिए कैशलैस इलाज देने पर विचार भी किया जा सकता है।

3_ सरकारी कर्मचारियों का  नगर प्रतिकर भत्ता 6 मई 2020 को बंद कर दिया गया था। इसी के साथ सचिवालय कर्मियों का सचिवालय भत्ता भी बंद किया गया था।  अब सरकार ने सचिवालय भत्ता तो रिलीज कर दिया है जिससे 10 हजार कर्मचारी एवं उनका  परिवार प्रभावित हो रहा है परंतु 12 लाख कर्मचारियों के लिए नगर प्रतिकर भत्ता रिस्टोर करने की कार्यवाही अभी भी लंबित है । इसको तत्काल भी  रिस्टोर कराया जा सकता है। कर्मचारियों के हाथ में पैसा आने से खरीदारी बढ़ेगी जिससे जीएसटी के माध्यम से पैसा वापस होकर सरकार में ही आएगा।


4_त्योहारों पर होली, दिवाली, दशहरा, ईद के त्यौहार पर कर्मचारियों को उनके मूल वेतन के बराबर ब्याज मुक्त ऋण भी दिया जा सकता है इससे जहां कर्मचारियों को राहत होगी वही बाजार भी बूस्ट करेगा

5_ चुनाव ड्यूटी में लगे हुए कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उनका  बीमा कवर कम से कम 20 लाख रुपए का होना चाहिए क्योंकि चुनाव ड्यूटी के  दौरान हादसे कर्मचारी का परिवार बिखर जाता है तथा उसको संभलने का मौका नहीं मिलता है। इस बार चुनाव के साथ-सथ  कोविड का खतरा भी है। ऐसे में 20 लाख का बीमा कवर और  परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी परिवार के लिए सहारा बन सकती है।

6_ प्रदेश में आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की संख्या भी लाखों में हो गई है। इन कर्मचारियों के भविष्य के लिए कोई नीतिगत निर्णय घोषणा पत्र में अपेक्षित है ,जिससे आउटसोर्सिंग, संविदा के कर्मचारी अपने भविष्य के प्रति आश्वस्त हो सके।

7_  कामकाजी महिलाओं के लिए काफी कठिनाइयां हैं।  तीज त्योहारों पर अवकाश भी नहीं मिलता है हरितालिका करवा चौथ जैसे पर्व महिलाओं के लिए अत्यंत कठिन है लेकिन इन त्योहारों पर भी उन्हें ड्यूटी पर आना पड़ता है। महिलाओं के लिए इन दो पर्वों पर अवकाश की घोषणा होनी चाहिए तथा उनके मातृत्व अवकाश एवं चाइल्ड केयर लीव  बढ़ोतरी की जानी चाहिए।

8_महिलाएं आशा कर रही है कि उनके लिए बजट में कुछ ऐसी व्यवस्था हो जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा एवं आर्थिक संरक्षण मजबूत हो सके। विशेषकर आशा बहुओं को आर्थिक संरक्षण देने की आवश्यकता है। बजट में कुछ ऐसी व्यवस्था हो कि आशा बहुओं को न्यूनतम मानदेय 10000 के आसपास मिल सके तथा उनको स्किल डेवलपमेंट के अवसर प्राप्त हो सके।बड़े ही उम्मीद के साथ यह  सुझाव आपकी सेवा में प्रस्तुत करते हुए अनुरोध करना है कि कृपया इन सुझावों  को  पार्टी के संवैधानिक दस्तावेज में अवश्य शामिल कराने का प्रयास किया जाय।

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