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क्या मुर्दे खा गए कब्रिस्तान की जमीन को


झांसी के रक्षा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम  डेली गांव पाली पहाड़ी में फॉर लेन से लगा हुआ एक बहुत ही प्राचीन कब्रिस्तान और श्मशान घाट साथ साथ है श्मशान घाट रकबा नंबर 880 में अंकित है जबकि कब्रिस्तान 879 में दर्ज है लेकिन भू माफियाओं की नजर इस कीमती जमीन पर पड़ गई और वह इस पूरे के पूरे कब्रिस्तान को निगल गए 70 वर्ष पहले डेली का यह कब्रिस्तान वजूद में आया था तब से यहां मुस्लिम समाज के लोग अपने मुर्दों को दफन करते हुए चले आ रहे हैं 50 वर्ष पूर्व इसमें सोनी खां को दफन किया गया था इससे पूर्व भी इसमें क्षेत्र के कई लोगों को दफन किया जा चुका है ताजा हालातों में इस कब्रिस्तान में 3 वर्ष पूर्व बशीरन  को दफन किया गया था बशीरन डेली गांव निवासी शकील खान की दादी थी उसे पूर्व 18 वर्ष पहले शकील की मां रानी को इसी कब्रिस्तान में दफन किया गया था 12 वर्ष पहले मुल्ली खां जो कि ग्राम डेली निवासी हैं उनको भी इसी कब्रिस्तान में दफन किया गया था इसके अलावा भी और भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको इस कब्रिस्तान में दफन किया गया आज की हालात में यह कब्रिस्तान खुद ही दफन हो गया


 रातो रात कब्रिस्तान पर अपना कब्जा जमा लिया श्मशान घाट अपनी जगह मौजूद लेकिन कब्रिस्तान को पूरी तरह से भू माफिया निगल गए आज डेली गांव निवासी शकील खान पुत्र निजाम खान की नवजात पुत्री का निधन होने के बाद जब निजाम अपने परिवार के साथ शव लेकर कब्रिस्तान पहुंचा तो दबंगों ने उसे वहां दफन नहीं करने दिया और वहां से भगा दिया आखिर इन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद किसकी शह पर है कभी कब्रिस्तान के गेट पर अरविंद यादव खैलर का नाम लिख दिया जाता है तो कभी मोहित गुप्ता और लखन गुप्ता का नाम लिख दिया जाता है और उसे निजी संपत्ति घोषित कर दिया जाता है अगर यह कब्रिस्तान नहीं है तो फिर ग्राम विकास निधि से इसी कब्रिस्तान की चार दिवारी का काम कराया गया था तो फिर यह काम कहां कराए गया था जब यह कब्रिस्तान है ही नहीं तो फिर सरकारी निधि को कहां खर्च किया गया यह भी एक जांच का विषय है लेकिन फिलहाल ग्रामीणों की माने तो उनके पूर्वज वर्षो से इसी कब्रिस्तान में दफन होते चले आ रहे हैं फिलहाल जिले के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की गंभीरता को भागते हुए दोनों पक्षों की बात को सुना और जांच के लिए आदेश दे दिया वही नवजात शिशु के शव को दफनाने के लिए पाली गांव स्थित रकबा नंबर 562 में चिन्हित कब्रिस्तान की जमीन पर नवजात बालिका के शव को पुलिस की देखरेख में दफन करा दिया गया इसके बावजूद भी मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश है और वह इसके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कर रहे हैं।


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