‘माँ की सुरक्षा, शिशु की रक्षा’ को आत्मसात कर 17 स्वास्थ्य इकाईयों पर चलाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
बलरामपुर ‘माँ की सुरक्षा, शिशु की रक्षा’ को आत्मसात कर 17 स्वास्थ्य इकाईयों पर चलाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चिकित्सकों ने जाँची गर्भवती महिलाओं की सेहत, एनीमिया प्रबंधन व सामान्य एवं सुरक्षित प्रसव के लिए दिए जरूरी सुझाव
तेज बुखार, उच्च रक्तचाप, हाथ-पैरों या चेहरे पर सूजन, त्वचा का पीलापन, तेज सरदर्द आदि हैं गर्भावस्था में खतरे के खास लक्षण
गर्भवती महिला में खतरे के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाएं, माँ-बच्चे की जान बचाएं : एसीएमओ
गोंडा, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुरुवार को जिला महिला अस्पताल समेत समस्त सोलह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया | इस मौके पर महिला रोग विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व की सम्पूर्ण जांच कर उनका टीकाकरण किया गया | विटामिन, आयरन-फोलिक एसिड व कैल्शियम की दवाएं वितरित कर महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव उपरान्त संतुलित और पौष्टिक आहार लेने, साफ-सफाई रखने, समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेने और प्रसव संस्थागत कराने के लिए प्रेरित किया गया |
जिला महिला अस्पताल में आयोजित सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ ललिता केरकट्टा, डॉ दीपमाला, डॉ सुवर्णा, डॉ सोनल, डॉ गरिमा व डॉ इल्मा कुरैशी द्वारा 54 गर्भवती महिलाओं की एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) की गई | इस दौरान महिलाओं का अल्ट्रासाउंड, वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड-प्रेशर, ब्लड-ग्रुप, ब्लड-शुगर, एचआईबी, हेपेटाइटिस-बी व पेट की जाँच की गयी | इसके अलावा महिलाओं को गर्भवस्था में लगने वाले टीके भी लगाए गए तथा आयरन-फोलिक एसिड, कैल्शियम और अन्य दवाएं वितरित की गयीं | जाँच के दौरान एचआरपी (उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था) पाई गयी महिलाओं को आयरन-शुक्रोज लगाया गया तथा उन्हें दवा के नियमित सेवन के साथ-साथ विशेष देखभाल रखने और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहने की सलाह दी गयी | इस मौके पर डॉ ललिता ने बताया कि किसी गर्भवती महिला में यदि 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होता है, तो उसको सीवियर एनीमिया की स्थिति में रखा जाता है | वहीं डॉ दीपमाला ने कहा कि गर्भावस्था के समय महिलाओं को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच अवश्य करानी चाहिए और नियमित चिकित्सीय सलाह लेते रहना चाहिए | डॉ सुवर्णा ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हरी साग-सब्जियों, अंकुरित चना एवं दाल, गुड़ आदि का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी होता है सीएचसी तरबगंज में आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण एसीएमओ आरसीएच डॉ. ए.पी. सिंह, डीसीपीएम डॉ. आर.पी. सिंह व डीएफपीएस राघवेन्द्र प्रताप पाण्डेय द्वारा किया गया | इस मौके पर डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व दिवस का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को जागरुक करना, सुरक्षित प्रसव और शिशु को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के साथ ही मातृ मृत्यु-दर को कम करना है | इस दौरान उन्होंने लेबर रूम का निरीक्षण और बीडीओ बेलसर के साथ ब्लॉक टास्क फ़ोर्स की समन्वय बैठक भी की |
करनैलगंज में 19 गर्भवती एचआरपी के मामले :
सीएचसी करनैलगंज में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया गया, जिसमें कुल 263 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया | अधीक्षक डॉ. सुरेश चंद्रा ने बताया कि अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं का नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड जाँच, हीमोग्लोबिन, शुगर, ओजीटीटी, यूरिन, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, वजन, ब्लड प्रेशर के साथ कोविड-19 की जांच तथा कोविड-19 टीकाकरण किया गया | इस दौरान 19 महिलाएं एचारपी (हाई रिस्क प्रेग्नेंसी) से ग्रसित चिन्हित की गयीं इस मौके पर चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं को हरी साग-सब्जियां एवं संतुलित आहार खाने की सलाह दी गई | इस मौके पर डॉ. सौम्या श्रीवास्तव, ब्लॉक कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबंधक सुरेंद्र यादव, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक संजय यादव, नर्स मेंटर गुड़िया देवी, स्टाफ नर्स वंदना,सरिता भारती, अर्पण पाण्डेय अरुणेंद्र सिंह समेत अन्य लोग उपस्थित रहे |
वहीं मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. आमिर खान ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के मौके पर कुल 1238 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कर उनकी प्रसव पूर्व की समस्त जांचें (एएनसी) की गयीं | जाँच में उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) की 149 महिलाएं चिन्हित गयीं, जिन्हें समय-समय पर चिकित्सीय जांच और परामर्श के साथ आयरन-फोलिक एसिड गोली का नियमित सेवन करने और खानपान का विशेष ध्यान रखने की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी गयी
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